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ट्रंप के टैरिफ की वजह से नहीं हुआ जीएसटी में बदलाव, डेढ़ साल से काम कर रहे थे- सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजतक से बात करते हुए कहा कि जीएसटी रिफॉर्म्स की वजह भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से लगाया गया टैरिफ नहीं है. उन्होंने कहा कि इस पर लंबे समय से काम चल रहा था और विशेषज्ञों ने एक एक आइटम पर चर्चा की ताकि पब्लिक को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके.

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GST रेट में कटौती 22 सितंबर से लागू होंगे. (Photo: PTI)
GST रेट में कटौती 22 सितंबर से लागू होंगे. (Photo: PTI)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जीएसटी की दरों में कमी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर हैवी ट्रैफिक लगाने की वजह से नहीं किए गए हैं. इस पर डेढ़ साल से काम हो रहा था. आजतक के साथ विशेष इंटरव्यू में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी में कमी करने से पहले एक एक आइटम पर चर्चा की गई और ये काम एक दिन में नहीं हो सकता था. 

वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि ऐसे वक्त में जब जुलाई में महंगाई सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है तो अभी जीएसटी में कमी जरूरत क्यों पड़ी? इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार हमेशा कदम उठाती रहती है. कई बार सप्लाई संबंधी दिक्कतों की वजह से मुद्रा स्फीति काबू में नहीं रहती है. ये ऊपर नीचे जाने वाला अर्थव्यवस्था का सूचक है. इसलिए जीएसटी रिफॉर्म्स लाने के लिए हम महंगाई आधारित मुहूर्त नहीं ला सकते थे. 

निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि ये भी कहा जा सकता है कि क्या ट्रंप टैरिफ की वजह से जीएसटी रिफॉर्म्स लाया गया है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है.  

वित्त मंत्री ने जीएसटी रेट कट पर चल रही प्रक्रिया को समझाते हुए कहा कि जीएसटी रेट में कमी करने के लिए डेढ़ साल से काम हो रहा था. ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) 18 महीने पहले बनाया गया था. तब कर्नाटक के पूर्व मंत्री GoM के चेयरमैन थे. लेकिन कर्नाटक में सरकार बदल गई. इसके बाद बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर को इसमें लाया गया. ये सब लगातार चल रहा है. हमने 300 से ज्यादा चीजों पर रेट कम किया है. इसका निर्णय एक दिन में नहीं किया जा सकता था. 

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पिछले एक साल में हम बार बार आइटम पर चर्चा कर रहे थे कि इस पर टैक्स क्यों नहीं और कम किया जा सकता है. जनता का बोझ कम करने के लिए हमने कई कोशिशें की. एक-एक आइटम पर चर्चा हुई. इसमें समय लगता है. इसलिए इसे ट्रंप टैरिफ और महंगाई दर से नहीं जोड़ा सकता है. 

बता दें कि  3 सितंबर 2025 को 56वें जीएसटी परिषद की बैठक में घोषित जीएसटी सुधारों ने आम आदमी के लिए राहत की उम्मीद जगाई है. इस जीएसटी रिफॉर्म्स को ‘न्यूनतम कर, अधिकतम बचत’ और ‘ग्रेट सेविंग्स टैक्स’ बताया जा रहा है. 22 सितंबर से अब देश में जीएसटी की 2 ही दरें (5%, 18%) होगी. 

पीएम मोदी ने इस रेट कट पर कहा कि आने वाले नवरात्र से करोड़ों परिवारों की जरूरत की चीजें सस्ती हो जाएगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधारों से भारतीयों के जीवन स्तर में सुधार तो होगा ही उपभोग और विकास भी बूस्टर मिलेगा और लोगों का पैसा बचेगा.
 

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