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Pepsi और Coca Cola ने की ये गलती, अब भरना पड़ेगा 25 करोड़ जुर्माना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने अवैध तरीके से भूजल दोहन को लेकर पेप्सी और कोका-कोला जैसी दो मल्टीनेशनल कंपनियों पर जुर्माना लगाया. NGT ने इसके साथ ही इस चीज को रोकने के लिए तमाम तरीके के उपाय सुझाए हैं.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • Pepsi व Coca Cola मल्टीनेशनल कंपनियां हैं
  • एनजीटी चेयरमैन ने सुनाया फैसला

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने Pepsi (पेप्सी) और कोका कोला (Coca Cola) पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. NGT ने यूपी में स्थित कंपनी के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट्स में अवैध तरीके से जमीन से पानी निकालने के मामले में ये जुर्माना लगाया है. ट्रिब्यूनल ने इन मल्टी-नेशनल कंपनियों पर पर्यावरण मुआवजे के रूप में जुर्माना लगाया है. 

इस मामले में हुई कार्रवाई

NGT ने कोका कोला की निर्माता और बॉटलिंग कम्पनी मून बेवरेजेज और पेप्सी की निर्माता और बॉटलिंग कम्पनी वरुण बेवरेजेज लिमिटेड को लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन और एनओसी की मियाद खत्म होने के बावजूद भूजल दोहन और भूजल रिचार्ज करने के लिए किसी तरह का एहतियात नहीं बरतने का दोषी पाया.

NGT के चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल के साथ Judicial Members के तौर पर सुधीर अग्रवाल और ब्रजेश सेठी भी थे. उनके अतिरिक्त विशेषज्ञ के तौर पर प्रोफेसर ए सेंथिल वेल और डॉ अफरोज अहमद भी सुनवाई पैनल में मौजूद रहे.

ऑर्डर में कही गई है ये बात

आदेश के मुताबिक कोका कोला बनाने वाली कंपनी मून बेवरेजेज के ग्रेटर नोएडा प्लांट पर एक करोड़ 85 लाख, साहिबाबाद प्लांट पर 13 करोड़ 24 लाख और पेप्सी वाली वरुण बेवरेजेज के ग्रेटर नोएडा प्लांट पर 9 करोड़ 71 लाख रुपए जुर्माना लगाया है.

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ट्रिब्यूनल ने केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय, जलशक्ति मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय भूजल अधिकरण, उत्तर प्रदेश भूजल विभाग और संबंधित जिलों के जिला अधिकारी से कहा है कि विशेषज्ञों की टीम के साथ दौरा कर भूजल रिचार्ज करने के उपायों पर सख्ती से अमल करने के तौर तरीकों अपनाएं.

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