भारत की पहली बुलेट ट्रेन का काम तेजी से चल रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक वीडियो शेयर किया है और बताया है कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 300 किलोमीटर लंबा वायाडक्ट तैयार हो चुका है. इसके अलावा, गुजरात के सूरत के पास 40 मीटर लंबे बॉक्स गर्डर का काम भी हो चुका है. रेल मंत्री के अलावा स्टेट ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने भी कुछ फोटो और जानकारी शेयर किया है.
300 किमी के स्ट्रक्चर में से 257.4 किमी का निर्माण फुल स्पैन लॉचिंग तकनीक से किया गया है, जिससे काम बहुत तेजी से हुआ. इस दौरान कई नदी पुल, स्टील और पीएससी ब्रिज, और स्टेशन बिल्डिंग भी बनी हैं. अब तक इस प्रोजेक्ट में 383 किलोमीटर पियर्स, 401 किमी फाउंडेशन और 326 किमी गर्डर कास्टिंग पूरी हो चुकी है. इस बुलेट ट्रेन रूट पर कुल 12 स्टेशन बन रहे हैं.
कबतक चलेगी चलने लगेगी बुलेट ट्रेन?
सूरत में भारत का पहला बुलेट ट्रेन स्टेशन लगभग बनकर तैयार हो चुका है. वहीं बाकी बचा काम भी युद्ध स्तर पर पूरा किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि गुजरात में लगभग 157 किलोमीटर ट्रैक बेड भी बिछाया जा चुका है. उम्मीद है कि बुलेट ट्रेन का ट्रायल रन अगले साल शुरू हो सकता है. 2029 तक पूरी सेवा मिलने की उम्मीद है.

भारत में बनाए जा रहे हैं ये प्रोडक्ट्स
भारत में इस प्रोजेक्ट्स के तहत यूज हो रहीं ज्यादातर चीजें भारत में ही बन रही हैं. लॉन्चिंग गैंट्री, ब्रिज गैंट्री और गर्डर ट्रांसपोर्टर्स भारत में ही बनाए गए हैं. इससे एक बात तो स्पष्ट है कि भारत अब हाई स्पीड ट्रेन और टेक्नोलॉजी में भी आत्मनिर्भर बन रहा है. फुल स्पैन टेक्नोलॉजी से निर्माण की रफ्तार 10 गुना तक बढ़ गई है. हर एक स्पैन गर्डर करीब 970 टन वजनी होता है. साथ ही आवाज कम करने के लिए वायाडक्ट के दोनों ओर 3 लाख से ज्यादा नॉइज़ बैरियर भी लगाए गए हैं.

इन दोनों स्टेशनों के बीच शुरू हो सकता है बुलेट ट्रेन
महाराष्ट्र और गुजरात में बुलेट ट्रेन के लिए खास डिपो भी बन रहे हैं. अगर सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो अगले साल की शुरुआत में जापान से शिंकासेन ट्रेन के कोच आ सकते हैं और अगस्त 2026 तक सूरत से बिलीमोरा के बीच बुलेट ट्रेन चलाई जा सकती है.

गौरतलब है कि आए दिन रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव बुलेट ट्रेन को लेकर जानकारी देते रहते हैं और उसके काम को लेकर पोस्ट करते रहते हैं.