मलेशिया के एयर एशिया समूह ने भारत से कारोबार समेटने के संकेत दिए हैं. समूह ने कहा है कि वह सस्ती सेवाएं देने वाली एयरलाइन एयर एशिया इंडिया में अपने निवेश की समीक्षा कर रहा है. एयर एशिया ने बताया कि इसमें कंपनी का नकद डूबता जा रहा है और इससे उस पर वित्तीय बोझ बढ़ता जा रहा है.
एयर एशिया समूह ने कहा, ''हमें विश्वास है कि वर्तमान परिस्थितियों से विश्व में अपने अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अधिक मजबूती और तेजी से उबरने में सफल होंगे.'' बता दें कि हाल ही में एयर एशिया इंडिया ने 6 नए घरेलू हवाई मार्गों पर बुधवार से उड़ानें शुरू की हैं. इसमें चेन्नई से अहमदाबाद एवं गोवा, मुंबई से विशाखापत्तनम एवं गोवा और जयपुर से कोलकाता की उड़ानें शामिल हैं.
जापान में भी संकट
एयर एशिया समूह ने कहा कि उसे जापान और भारत में अपने कारोबार को लेकर अधिक चिंता है. एयर एशिया समूह के अध्यक्ष (एयरलाइन) बो लिंगम ने बयान में कहा कि इन दोनों जगह हमारी कंपनियों की एक जैसी स्थिति है. उन्होंने कहा कि समूह इन बाजारों में अपनी लागत में कमी करने और डूब रहे नकद धन पर काबू पाने को प्राथमिकता दे रहा है.
टाटा समूह स्थानीय हिस्सेदार
एयर एशिया इंडिया में टाटा समूह स्थानीय हिस्सेदार है. टाटा संस की एयर एशिया इंडिया में 51 फीसदी हिस्सेदारी है. पिछले महीने खबर आई थी कि टाटा मलेशियाई साझेदार की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है तो टाटा संस की एयरएशिया में कुल 100 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी. भारत के एयरलाइन सेक्टर में एयर एशिया की बाजार हिस्सेदारी 6.8 फीसदी है. वहीं, देश में कर्मचारियों की संख्या 3,000 से ज्यादा है.
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कारोबार में चुनौती बढ़ गई
छह साल से अधिक समय से चल रही इस कंपनी के लिए कुछ समय से कारोबार में चुनौती बढ़ गई है. कोविड-19 और लॉकडाउन से एयरलाइन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. एयर एशिया इंडिया का मुख्यालय बेंगलुरू में है. यह देश में 19 जगहों के लिए उड़ानें संचालित करती है. इसके बेड़े में 31 एयरबस ए320 विमान है. इसने 12 जून 2014 को परिचालन शुरू किया था.