कोरोना संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होता दिख रहा है और जुलाई महीने में औद्योगिक उत्पादन में 11.5 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है. इससे पहले, पिछले साल इसी अवधि में औद्योगिक उत्पादन में 10.5 फीसदी की गिरावट आई थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आज शुक्रवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़ों के अनुसार सकल औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का उत्पादन इस साल जुलाई में 10.5 फीसदी तक बढ़ा. जबकि खनन उत्पादन में यह वृद्धि 19.5 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 11.1 प्रतिशत तक की दर्ज की गई.
एनएसओ की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के चार महीने की अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में कुल मिलाकर 34.1 फीसदी की वृद्धि हुई है. जबकि पिछले साल इस दौरान 29.3 फीसदी की गिरावट आई थी.
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महामारी की मार
पिछले साल मार्च से कोरोना महामारी के कारण औद्योगिक उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा था. तब इसमें 18.7 फीसदी की गिरावट आई थी. इसके बाद महामारी को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगाए जाने की वजह से आर्थिक गतिविधियां थम गई और अप्रैल में 57.3 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई.
देश के औद्योगिक उत्पादन में मई के दौरान 29.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में इस साल मई में 34.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. जबकि खनन क्षेत्र में उत्पादन 23.3 फीसदी और बिजली उत्पादन में 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. तो वहीं मई में आईआईपी में 33.4 फीसदी की गिरावट आई थी.