भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (India-US Trade Deal) को लेकर बातचीत का सिलसिला जारी है, लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हो सकता है. हालांकि, दोनों ही ओर से इसके पॉजिटिव ट्रैक पर आगे बढ़ने की बात जरूरी कही जा रही है. अब सवाल ये है कि आखिर फिर क्या चीजें हैं जिनपर अब तक सहमति नहीं बन सकी है और ये डील अटकी हुई है. पहले इसके नवंबर के अंत तक फाइनल होने की बातें कही जा रही थीं, लेकिन अब साल ही खत्म होने वाला है. इस संबंध में अब तक आए अपडेट्स पर बात करें, तो एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स पर भारत का रुख साफ है.
अपने रुख पर कायम है भारत
बिजनेस टुडे पर छपी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से India-US Trade Deal पर जो अपडेट दिया गया है, उसके मुताबिक, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पूरे जोर-शोर से चल रही है. उन्होंने बताया कि नई दिल्ली एक अच्छा समझौता (Good Deal) करने की दिशा में काम कर रही है और अभी तक इस वार्ता में कोई बाधा नहीं है. सूत्रों का कहना है कि हालांकि भारत कृषि, डेयरी प्रोडक्ट्स और मत्स्य पालन पर अपने पुराने रुख पर कायम है और पीछे नहीं हटेगा और इसके बिना एक निष्पक्ष और संतुलित समझौते की प्रतीक्षा कर रहा है.
'भारत के प्रस्ताव अच्छे, लेकिन...'
यह अपडेट भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के बारे में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर के हालिया बयानों के अनुरूप ही नजर आ रहा है. उन्होंने भारत के कड़े नियमों वाले एग्रीकल्चर सेक्टर में वाशिंगटन के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार किया था और कहा था कि भारत में कुछ फसलों, मीट और डेयरी उत्पादों के आयात का विरोध है, ऐसे में उसके साथ समझौता करना मुश्किल हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि इन सबके बावजूद भारत काफी प्रगतिशील है और उसके द्वारा दिए गए प्रस्ताव अब तक अमेरिका को मिले सबसे अच्छे प्रस्तावों में शामिल हैं.
नवंबर तक ऐलान की थी उम्मीद
बता दें कि India-US Trade Deal को लेकर जारी बातचीत के बीच न सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की ओर से इसके जल्द फाइनल होने के दावे किए जा रहे थे, बल्कि भारत की ओर से भी इसे लेकर बड़े बयान दिए गए थे. देश मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने पहले कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि नवंबर तक भारत-US समझौता हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है. इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर वित्तीय वर्ष के अंत तक समझौता नहीं हो पाता है, तो मुझे आश्चर्य होगा.
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने पहले भी संकेत दिया था कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता अच्छी प्रगति कर रही है. उन्होंने फिर दोहराया कि भारत समय सीमा के दबाव में बातचीत नहीं करता, हालांकि कई महत्वपूर्ण दौर की चर्चाएं पहले ही हो चुकी हैं.
गौरतलब है कि इन सबके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति फोन पर बातचीत कर चुके हैं और द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा कर चुके हैं. यह बातचीत अमेरिकी व्यापार उप प्रतिनिधि रिक स्विट्जर की नई दिल्ली यात्रा के साथ हुई थी, जहां वे द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा करने और लंबित व्यापार मुद्दों को हल करने के लिए आए थे.
US Tariff के खिलाफ जोरदार रिकवरी
अमेरिका द्वारा भारत पर रूसी तेल और हथियारों की खरीद को लेकर लगाए गए 50% टैरिफ के बाद कुछ समय के लिए ट्रेड डील पर बात रुक गई थी, लेकिन अब ये फिर से ट्रैक पर है. हालांकि, GTRI के एनालिसिस पर नजर डालें, तो अमेरिकी टैरिफ भी भारत की स्ट्रेटजी के सामने धुआं-धुआं नजर आया. इसके मुताबिक, 27 अगस्त को हाई टैरिफ लागू होने के बाद जहां सितंबर में भारत-अमेरिका ट्रेड लो-लेवल पर आ गया, लेकिन सितंबर से नवंबर के बीच इसमें फिर उछाल आया, जबकि अमेरिका का 50% Tariff जारी है.
मैक्सिको से 50% टैरिफ पर बात की तैयारी
जहां भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर नए नए अपडेट सामने आ रहे हैं. तो वहीं सूत्रों के मुताबिक,भारत अब मैक्सिको के साथ भी बातचीत कर रहा है, जिसने भारतीय सामानों पर अपने टैरिफ को बढ़ाकर 50 फीसदी (50% Tariff On India) कर दिया है. इसी बीच खबर आई है कि एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल अगले साल की शुरुआत में 7 जनवरी से लेकर 9 जनवरी के बीच यूरोपीय संघ का दौरा करने वाला है.