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India Today Conclave South: 'दक्ष‍िण भारत होगा देश को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर ले जाने वाला इंजन'

देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए दक्ष‍िण भारत इंजन की भूमिका निभा सकता है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2021 में शामिल कारोबार और उद्योग जगत के कई दिग्गजों ने इस बात पर मुहर लगाई. 

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साउथ कॉन्क्लेव में कारोबार जगत के दिग्गज (फोटो: चंद्रदीप कुमार)
साउथ कॉन्क्लेव में कारोबार जगत के दिग्गज (फोटो: चंद्रदीप कुमार)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इंड‍िया टुडे कॉन्क्लेव साउथ का आयोजन
  • कारोबार जगत के कई दिग्गज शामिल हुए
  • दक्ष‍िण भारत को बताया विकास का इंजन

दक्ष‍िण भारत में कई ऐसे प्रतिस्पर्धी फायदे हैं जिनकी वजह से ऐसा साफ लग रहा है कि देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए यह इलाका इंजन की भूमिका निभा सकता है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2021 में शामिल कारोबार और उद्योग जगत के कई दिग्गजों ने इस बात पर मुहर लगाई. 

अपोलो हॉस्प‍िटल्स ग्रुप की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा, ' अगले साल भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देशों में से होगा., साउथ की बात करें तो इन्फ्रास्ट्रक्चर , डिजिटाइजेशन, मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करना होगा. इसके अलावा समावेशी, पर्यावरण अनुकूल, सामाजिक रूप से जागरूक राज्य बनाना होगा. यहां की कंपनियां ग्लोबल बेंचमार्क स्थापित करें, एजुकेशन और स्किल पर जोर देना होगा. हेल्थकेयर में काफी संभावना है. चेन्नई दुनिया का ग्लोबल मेडिकल टूरिज्म हब बन सकता है.'  

क्या हैं समस्याएं 

उन्होंने कहा कि समस्या की बात करें तो जमीन, बिजली और लॉजिस्टिक के मसले हैं जिनका समाधान करना होगा. हर साल 1.7 करोड़ युवा वर्कफोर्स में आ रहे हैं, जिन्हें जॉब देना महत्पूर्ण है. पीएलआई स्कीम एक थीम के रूप में अच्छा है लेकिन बांग्लादेश कपड़े में ,थाइलैंड फर्नीचर में, ताइवान इलेक्ट्रॉनिक्स में काफी प्रतिस्पर्धा दे रहा है. 

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सर्विस सेक्टर पर जोर देना होगा 

हिंदुजा ग्रुप के वाइस चेयरमैन आर शेषासायी ने कहा, 'देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना है तो दक्ष‍िण भारत का योगदान 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा करना होगा, क्योंकि इसका जीडीपी में 25 से 27 फीसदी योगदान होता है. मुझे लगता है कि मैन्युफैक्चरिंग से ज्यादा सर्विस सेक्टर पर जोर देना होगा. दक्षिण भारत इसका बड़ा हब भी बन रहा है. साउथ स्टार्टअप के लिए भी बड़ा केंद्र बन रहा है. साउथ कृष‍ि में काफी आगे है और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री काफी बेहतर है.' 

सेंट गोबेन इंडिया के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर बी संथानम ने कहा, 'मेरा भी मानना है कि यदि भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना है तो दक्ष‍िण भारत को 25 फीसदी से ज्यादा योगदान करना होगा. साउथ में काफी एडवांटेज है. यहां बड़ी कंपनियां, पब्लिक सेक्टर कंपनियां, एमएसएमई हैं. यहां के एमएसएमई को एस्पायर करना होगा. उनको इस बात के लिए प्रेरित करना होगा कि वे असीमित रूप से आगे बढ़ें. साउथ के पास काफी एडवांटेज है जिनका फायदा उठाना चाहिए. टेक्सटाइटल, ऑटो, फार्मा, डिजिटलाइजेशन जैसे कई सेक्टर में दक्ष‍िण भारत काफी आगे है. इनोवेशन में भी दक्षिण काफी एडवांटेज रखता है. 

भारत बायोटेक में कोविड टीके का विकास करने वाले कृष्णा और सुचित्रा जैसे साइंटिस्ट दक्ष‍िण भारत के थ्री टियर और फोर टियर शहरों के हैं.दक्षिण भारत में ऐसे हजारों कृष्णा और सुचित्रा हैं. 

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साउथ के पक्ष में कई अच्छी बातें 

ज्योति लेबोरेटरीज के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर के उल्लास कामत ने कहा, 'दक्षिण भारत में जबरदस्त इनफ्रास्ट्रक्चर है. यहां बेस्ट एजुकेशन, हाईटेक सिस्टम है. मध्य पूर्व, उत्तर अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एश‍िया तक लोगों की काफी पहुंच है. लेकिन यहां जमीन काफी महंगा है, लेबर, उत्पादन की लागत काफी ज्यादा है. मैं भी इससे सहमत हूं कि पीएलआई की समय सीमा होना चाहिए. साउथ के पक्ष में कॉम्पिटीटिव एडवांटेज है. सिंगल विंडो सिस्टम, डिजिटाइज करना होगा.' 

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ का आयोजन तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै में हो रहा है. 12 एवं 13 मार्च को आयोजित इस कॉन्क्लेव में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुच्चेरी, कर्नाटक और केरल की कई दिग्गज अपनी हस्तियां अपने विचार रखेंगी. 

 

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