चुनाव के बाद डीजल-पेट्रोल की कीमतें (Diesel-Petrol Price Hike) बढ़ने के कयासों पर मंगलवार को सरकार की ओर से ताजी प्रतिक्रिया आ गई. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Petroleum Minister Hardeep Singh Puri) ने इस बात को लेकर विपक्षी पार्टियों के टॉन्ट का जवाब देते हुए याद दिलाया कि कांग्रेस (Congress) के समय में कैसे पेट्रोलियम की कीमतों को डीरेग्यूलेट कर दिया गया था. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि तेल कंपनियं इस बारे में जल्द निर्णय लेने वाली हैं.
राहुल गांधी ने किया था ये Tweet
पेट्रोलियम मंत्री ने बिना किसी का नाम लिए कहा, 'एक यंग लीडर लोगों से लगातार कह रहे हैं कि टंकियां भरवा लें, क्योंकि डीजल-पेट्रोल सिर्फ चुनाव तक सस्ते हैं. गंभीरता से कहूं तो जब कांग्रेस सत्ता में थी, उन्होंने पेट्रोलियम की कीमतों को डीरेग्यूलेट कर दिया था. हमने तो पिछले साल नवंबर में सेंट्रल एक्साइज (Central Excise) को भी कम किया था.' दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में इस बारे में Tweet किया था. उन्होंने सरकार को निशाने पर लेते हुए Tweet किया था, 'फटाफट पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए. मोदी सरकार का चुनावी ऑफर खत्म होने जा रहा है.'
लोकसभा चुनाव के समय भी कुछ दिन नहीं बढ़े थे दाम
राहुल गांधी के इस Tweet के बाद लोग भी याद करने लग गए थे कि कैसे लोकसभा चुनाव और राज्यसभा चुनाव के समय पहले भी डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने पर कुछ समय के लिए विराम लग गया था. पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है कि चुनाव के समय कीमतें कुछ दिन तक नहीं बढ़ीं, लेकिन जैसे ही चुनाव निपटे, कीमतें बढ़ने लग गईं. इससे पहले साल 2019 में जब लोकसभा चुनाव हो रहे थे, तब भी यह ट्रेंड देखने को मिला था. 19 मई को लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण की वोटिंग हुई. इसके अगले दिन ही पेट्रोल के दाम में 10 पैसे तक की और डीजल के दाम में 16 पैसे तक की बढ़ोतरी की गई.
इन चुनावों में भी हुआ था यही हाल
इसी तरह 2017 की शुरुआत में करीब ढाई महीने दाम नहीं बढ़े थे. तब भी इन्हीं पांच राज्यों के चुनाव हो रहे थे, जहां इस बार हो रहे हैं. पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर के चुनाव के चलते 16 जनवरी से 01 अप्रैल 2017 तक डीजल-पेट्रोल के दाम स्थिर रहे थे. साल 2017 में ही गुजरात विधानसभा के दौरान करीब 14 दिन तक इनके दाम नहीं बढ़ाए गए थे. साल 2018 के मई में जब कर्नाटक में चुनाव हो रहे थे, डीजल और पेट्रोल के दाम 19 दिन तक नहीं बढ़े थे.
क्या जल्द बढ़ने वाले हैं दाम!
उन्होंने इशारों-इशारों में जता दिया कि तेल कंपनियां जल्दी ही इस बारे में ऐलान कर सकती हैं. मंत्री ने वैश्विक घटनाक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि यूक्रेन और रूस में जो हो रहा है, देखिए कि ग्लोबल सिचुएशन क्या है. ऐसे में तेल कंपनियां तो निर्णय लेंगी. यह कहना अनइंटेलीजेंट है कि चुनावों के कारण दाम नहीं बढ़ रहे हैं. हम बस इस बात का भरोसा दे सकते हैं कि हमारी एनर्जी की जरूरतें पूरी होती रहेंगी.
14 साल के हाई लेवल पर है क्रूड ऑयल
डीजल और पेट्रोल के दाम 4 नवंबर के बाद नहीं बढ़े हैं. तब कई जगहों पर डीजल और पेट्रोल दोनों 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया था. इसके बाद सरकार ने सेंट्रल एक्साइज में कटौती की थी. जब नवंबर में एक्साइज में कटौती की गई थी, तब क्रूड ऑयल 82 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास था. क्रूड ऑयल ग्लोबल मार्केट में अभी 2008 के बाद के उच्च स्तर पर पहुंच चुका है. ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) अभी 140 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच चुका है. इस तरह देखें तो यह 60 फीसदी से भी ज्यादा चढ़ चुका है. इस कारण डीजल-पेट्रोल की कीमतों का बढ़ना लगभग तय हो चुका है.