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एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की स्कीम, उद्योगों को 4573 करोड़ की राहत 

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एथेनॉल का उत्पादन बढ़े और ज्यादा चीनी उत्पादन से जो समस्या होती है उसका हल निकले इसके लिए सरकार ने एक योजना बनाई है. 

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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी कैबिनेट के फैसले की जानकारी (फाइल फोटो: PIB)
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी कैबिनेट के फैसले की जानकारी (फाइल फोटो: PIB)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने की केंद्र की स्कीम
  • मोदी सरकार उद्योगों को देगी 6 फीसदी की ब्याज छूट
  • इससे पेट्रोल में एथेनॉल ब्लेंडिंग की जरूरत पूरी होगी

मोदी सरकार ने देश में एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,573 करोड़ रुपये की एक इंट्रेस्ट सबवेंशन यानी ब्याजमाफी की योजना पेश की है. यह राहत एथेनॉल उत्पादन में लगे बड़े और छोटे सभी तरह के उद्योगों को मिलेगी. 

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एथेनॉल का उत्पादन बढ़े और ज्यादा चीनी उत्पादन से जो समस्या होती है उसका हल निकले इसके लिए सरकार ने एक योजना बनाई है. 

क्या है नई योजना 

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार ने साल 2022 तक पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने एक नई स्कीम को मंजूरी दी है. इसके तहत ऐसी इकाइयों को ब्याजमाफी दी जाएगी जो अनाज आधारित डिस्टिलरी की स्थापना या अनाज आधारित डिस्टिलरी का विस्तार एथेनॉल के उत्पादन के लिए करेंगे.  

सरकार इस तरह के उद्योगों को पांच साल तक बैंक का 6 फीसदी की दर से ब्याज या बैंक द्वारा लिए गये ब्याज का 50 फीसदी जो भी कम होगा वहन करेगी. यही नहीं उन्हें एक साल का मोरे​टोरियम भी दिया जाएगा. यह उन उद्योगों को मिलेगा जो 75 फीसदी उत्पादित एथेनॉल को पेट्रोल ब्लेंडिंग के लिए देंगे. 

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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि शुगर बनाने में जो मोलेसिस बेकार होता है उसी से एथेनॉल बनता है. अटल सरकार ने पेट्रोल में एथेनॉल ब्लेडिंग की योजना के इस्तेमाल की योजना शुरू की थी, लेकिन यूपीए सरकार ने इसे नगण्य रूप में छोड़ दिया.

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40 हजार करोड़ का नया निवेश होगा

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार का आयात बिल घटे और किसानों की आमदनी बढ़े इसके लिए मोदी सरकार लगातार कदम उठाती रही है. शुगर ईयर 2019-20 में 173 करोड़ लीटर एथेनॉल की खरीद की गई. इसको आने वाले दिनों में 1,000 लीटर तक ले जाने का सरकार प्रयास करेगी. जो लोग नई डिस्टिलरी लगाएंगे उसमें 6 फीसदी इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम को मंजूरी दी गई है. 

इससे 40 हजार करोड़ का नया निवेश होगा और क्षमता बढ़कर 1750 करोड़ लीटर हो जाएगी और सरकार इसे खरीदेगी. इससे किसानों की आमदनी को दोगुना करने में फायदा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि 2013-14 में हमने 1500 करोड़ रुपये का एथेनॉल खरीदा था जो अब करीब 9169 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि चावल, मक्का आदि से भी एथेनॉल का उत्पादन होगा.

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