रियल एस्टेट के हालात बचाए रखने या कहें मामूली ही सही सुधारने में अफोर्डेबल हाउसिंग का बड़ा योगदान है. जीएसटी समेत तमाम रियायतों के चलते अफोर्डेबल हाउसिंग ने प्रॉपर्टी की बिक्री और नए लॉन्च बढ़ाने में मदद की है. लेकिन अब रियल एस्टेट सेक्टर की मांग है कि अफोर्डेबल हाउसिंग से कीमत का दायरा हटाकर फ्लैट-प्लॉट के साइज़ की शर्त ही रखनी चाहिए. इससे बड़े शहरों में अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिलने में मुश्किल आ रही है. इसके साथ ही एक डिमांड ये भी है स्ट्रेस फंड किसको मिलेगा और कैसे मिलेगा इस पर भी धुंध छाई है जिसे साफ करने की ज़रुरत है. इस बार के बजट में सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी 2022 तक हाउसिंग फॉर ऑल के मिशन को कामयाब करने की. देखें ये रिपोर्ट.
With just days before the presentation of Union Budget 2020, real estate sector looks for industry status, increased tax benefits on home loans. The demand for bestowing industry status on real estate has been a long-pending demand of developers. Watch this report to know more.