वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश कर दिया है. बजट का निचोड़ निकाला जा रहा है, जैसे-जैसे फैक्ट सामने आ रहे हैं, तस्वीर साफ होती जा रही है. आयकर छूट को लेकर भी लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल हैं. कितनी छूट मिलेगी? नया टैक्स स्लैब बेहतर है या फिर केवल यह आंकड़ों का खेल है? इस तरह के तमाम सवालों के जवाब यहां आपको मिल जाएंगे. (Photo: Getty)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए इनकम टैक्स स्लैब में छूट तो दी है. लेकिन उसके साथ ही उन्होंने एक शर्त भी लगा दी है. अगर आप नए नियम के मुताबिक यानी न्यू आयकर स्लैब को अपनाते हैं तो आप कोई छूट या रिबेट के हकदार नहीं होंगे. हालांकि जब आप पुराने स्लैब के आधार पर आयकर भरते हैं तो फिर आपको पहले जैसे ही छूट या रिबेट मिलेगी.
सीतारमण ने कहा कि हमने ऐसे उपाय शुरू किए हैं, जिससे आयकर रिटर्न को समयपूर्व भरा जा सके, ताकि कोई भी शख्स जो नई व्यवस्था को अपनाता है, उसे अपना रिटर्न दायर करने और आयकर का भुगतान करने में किसी एक्सपर्ट की सहायता लेने की जरूरत नहीं होगी. (Photo: Getty)
वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर व्यवस्था को सरल बनाने के लिए टैक्स छूट के दायरे में आने वाले 100 से अधिक छूटों में से लगभग 70 छूटों और कटौतियों को खत्म कर दिया गया है. शेष छूटों और कटौतियों की समीक्षा की जाएगी और आने वाले वर्षों में उन्हें युक्तिसंगत बनाया जाएगा ताकि कर व्यवस्था को और सरल बनाया जा सके. उम्मीद की जा रही है सरकार सभी रियायतों को खत्म करने की तैयारी में है.
यानी कुल मिलाकर 70 रिबेट छोड़ने के बाद आपको नए टैक्स सिस्टम का फायदा मिलेगा, जिनमें से ज्यादातर 80C और 80D के हैं. जानकार बताते हैं कि नए टैक्स स्लैब से टैक्सपेयर्स को कुछ खास फायदा नहीं होने वाला है, उन्होंने कहा कि नए टैक्स सिस्टम में इनकम टैक्स के सेक्शन 80C, 80D, 24 के तहत मिलने वाली सभी छूट का फायदा खत्म हो जाएगा. (Photo: Getty)
दरअसल, अभी तक 80C के तहत LIC, PPF, NSC, यूलिप, ट्यूशन फीस, म्यूचुअल फंड ELSS, पेंशन फंड, होम लोन, बैंकों में टर्म डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस में 5 साल के डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करके लोग टैक्स छूट का फायदे उठाते हैं. लेकिन नए टैक्स स्लैब में ये छूट नहीं मिलेगी. इसके अलावा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पर भी टैक्स छूट नहीं मिलेगी. (Photo: Getty)
बता दें, इंश्योरेंस इंडस्ट्री की मांग थी कि 80C के तहत डिडक्शन 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 या 3 लाख रुपये कर दिया जाए. लेकिन नए टैक्स सिस्टम ने टैक्स सेविंग्स के लिए इंश्योरेंस खरीदने की जरूरत ही खत्म कर दी गई है. हालांकि पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से आयकर दाखिल करने पर 80C और 80D की छूट मिलेगी. (Photo: Getty)
निर्मला सीतारमण ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति की आमदनी सालाना 15 लाख रुपये है, और वह किसी कटौती का लाभ नहीं उठा रहा है तो उसे पुरानी व्यवस्था में 2,73,000 रुपये का भुगतान करना होता जबकि नई कर दर के अनुसार अब उसे 1,95,000 रुपये का भुगतान करना होगा. नए टैक्स स्लैब के मुताबिक उसे 78,000 रुपये की बचत होगी. (Photo: Getty)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में बजट भाषण में ऐलान किया कि 0-2.50 लाख रुपये की आमदनी पर पूरी तरह से आयकर छूट है. 2.50-5 लाख रुपये तक आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. 5 से 7.50 लाख रुपये तक आमदनी वालों को अब 10 फीसदी टैक्स देना होगा, जिनकी आमदनी 7.50 लाख से 10 लाख रुपये तक है, उन्हें अब 15 फीसदी टैक्स होना होगा. 10 से 12.50 लाख रुपये तक आमदनी वालों को 20 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा. 12.50 लाख से 15 लाख रुपये की आमदनी वालों को 25 फीसदी टैक्स देना होगा. वहीं जिनकी आमदमी 15 लाख रुपये से ज्यादा है, ऐसे लोगों को 30 फीसदी टैक्स देना होगा.
जानकार बता रहे हैं कि इनकम टैक्स के दो-दो स्लैब लाकर सरकार ने मिडिल क्लास को कन्फ्यूज कर दिया है. फाइनेंस मिनिस्टर ने बजट भाषण में कहा कि जो टैक्सपेयर्स डिडक्शन और छूट का फायदा नहीं लेंगे, उन्हें ही इनकम टैक्स के नए रेट का फायदा मिलेगा. जानकार इसके फायदे और नुकसान अपने-अपने तरीके से बता रहे हैं.