जदयू नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बीते दिनों एक बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिम जदयू को वोट नहीं करते हैं. उनके इस बयान को लेकर हंगाम मच गया था. वहीं, अब इस बयान को लेकर उनकी मुश्किल बढ़ गई है. उनके खिलाफ मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में परिवाद दाखिल हुआ है. यह परिवाद अल्पसंख्यक संगठन चलाने वाले तमन्ना हाशमी ने दर्ज कराया है.
यह भी पढ़ें: मुसलमान वोटर्स पर ललन सिंह ने क्या बोला? बिहार में छिड़ी सियासी जंग, अशोक चौधरी और शकील अहमद भी कूदे
इन धाराओं में दर्ज कराया गया है परिवाद
ललन सिंह के खिलाफ 298, 299, 302, 352बी.एन.एस की धाराओं में परिवाद दर्ज कराया गया है. मामले में अब सुनवाई 4 दिसंबर 2024 को होनी है. परिवादी तमन्ना हाशमी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने जानबूझकर मुस्लिमों को आहत करने वाला बयान दिया.
यह भी पढ़ें: 'कौन अखिलेश जी?', सपा प्रमुख के बयान को लेकर सवाल पूछने पर ललन सिंह क्या बोले
जबकि मुस्लिमों का एक बड़ा तबका नीतीश कुमार के साथ है और उनको वोट भी करता है. क्या बगैर मुस्लिमों के वोट के ही उनकी सरकार बन गई? ललन सिंह का बयान काफी मर्माहत करने वाला है.
भड़काऊं भाषण को लेकर दाखिल हुआ परिवाद
मामले में अधिवक्ता सूरज कुमार ने बताया कि न्यायालय ने मामला स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तिथि चार दिसंबर की है. ललन सिंह पर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने और भड़काऊं भाषण देने की धाराओं में परिवाद दाखिल किया गया है.