बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, और जेपी गोलंबर से उन्हें हटा दिया गया है. वे पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. आज वे गांधी मैदान से इस मकसद से निकले थे कि उनकी नीतीश कुमार सरकार से बातचीत होगी, लेकिन बीच में ही बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की गई. कैंडिडेट्स नहीं रुके और वे बैरिकेड्स को तोड़ते हुए आगे बढ़ते रहे. आखिर में जब वे जेपी गोलंबर पहुंचे तो पुलिस ने उनपर पानी की बौछारें कर दीं.
जेपी गोलंबर से सामने आए वीडियोज में देखा जा सकता है कि किस तरह अभ्यर्थियों पर पानी की बौछारें की जा रही हैं. इस ठंड के मौसम में वे पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. अभ्यर्थियों के हाथों में तिरंगा देखा जा सकता है. इस बीच उनपर पुलिस ने डंडे बरसाए, और फिर उन्हें दूर तक खदेड़कर सड़क खाली करा दिया. बताया जा रहा है कि कई अभ्यर्थी पुलिस की लाठीचार्ज में घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है.
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'मजबूरन वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा' - एसपी
पटना सेंट्रल SP स्वीटी सहरावत ने कहा, "लाठीचार्ज नहीं हुआ, उनसे(अभ्यर्थियों से) बार-बार यहां से हटने का अनुरोध किया गया... हमने उनसे कहा कि वे अपनी मांगें हमारे सामने रखें, हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन वे अड़े रहे. अभ्यर्थियों द्वारा प्रशासन के साथ धक्का-मुक्की की गई...अंत में हमें मजबूरन वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. उसमें भी हम बीच में आए और उन्हें हटाया, लेकिन तब भी वे नहीं हटे. अब हम जगह खाली करवा रहे हैं."
एसपी स्वीटी सहरावत ने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन की वजह से सड़क पर जाम लग गया था. यहां बड़ी संख्या में लोग फंस गए थे. उनकी तरफ से कोई प्रतिनिधि मिलने नहीं आया. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर जो पूरे मार्च को लीड कर रहे थे, वे छात्रों को जेपी गोलंबर पर जाम करके निकल गए थे. छात्रों से हटने की अपील की गई, लेकिन वे नहीं माने, और आखिरी में उनपर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया.
दरअसल, कई दिनों के विरोध प्रदर्शन के बावजूद नीतीश कुमार सरकार ने अभ्यर्थियों का कहना है कि उनसे बातचीत नहीं की. इसके बाद प्रशांत किशोर की अगुवाई में उन्होंने सचिवालय की तरफ मार्च करने का फैसला किया. गांधी मैदान से वे आज शाम सरकार से बातचीत करने के लिए निकले थे. उन्हें रोकने के लिए बिहार पुलिस ने कई लेयर में बैरिकेडिंग भी की. होटल मौर्य पर भी बैरिकेडिंग की गई लेकिन अभ्यर्थी उसे तोड़ते हुए आगे बढ़े, जहां बिहार पुलिस उन्हें रोकने के लिए पहुंच गई.
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प्रशांत किशोर क्या बोले?
गांधी मैदान में अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "एक दिन नारे लगाने से कुछ नहीं होगा. बिहार में छात्रों का जीवन कई सालों से बर्बाद हो रहा है. यह लड़ाई लंबे समय तक चलानी होगी और इसे अंजाम तक पहुंचाना होगा." उन्होंने किसान आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि किसान दिल्ली में सालों तक डेरा डालकर बैठे थे, तभी कुछ हुआ. उन्होंने कहा, 'बिहार में डोमिसाइल नीति में बदलाव, पेपर लीक और नौकरियों में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है, तो बिहार के छात्रों को एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़नी होगी.'
AISA का चक्का जाम का ऐलान
30 दिसंबर को BPSC री-एग्जाम को लेकर AISA ने बिहार बंद और चक्का जाम का ऐलान किया है. भाकपा ने भी इस आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है. प्रशांत किशोर ने कहा कि छात्र खुद निर्णय लें कि कब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए मार्च करना है.