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'हम थर-थर कांपने भी नहीं देंगे...', जब अधिकारियों पर भड़क गए बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा

डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने अधिकारियों-कर्मचारियों को हिदायत दी कि शिकायतों को अनावश्यक रूप से रेफर करने की प्रवृत्ति बंद करें, वरना कठोर कार्रवाई तय है. करीब ढाई घंटे चले संवाद कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने कई कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा और विभिन्न शिकायतों पर तत्काल जांच के निर्देश दिए.

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विजय कुमार सिन्हा के कड़े तेवर देखकर मौजूद अधिकारियों में खलबली मच गई. (Photo- ITG)
विजय कुमार सिन्हा के कड़े तेवर देखकर मौजूद अधिकारियों में खलबली मच गई. (Photo- ITG)

भूमि संबंधी शिकायतों के निपटारे में सुस्ती और लापरवाही को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा शुक्रवार को जमकर भड़के. उनके आवास पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से आयोजित भूमि सुधार जनकल्याण संवाद के दौरान कई शिकायतें सामने आईं, जिनमें एक मामले ने उपमुख्यमंत्री को खासा नाराज कर दिया.

पटना के बल्लीपुर, गौरीचक निवासी शिकायतकर्ता विवेक ने बताया कि जमाबंदी नहीं होने के नाम पर पिछले छह महीने से उनकी जमीन का म्यूटेशन लंबित है. अधिकारी और कर्मचारी लगातार आवेदन को टालते आ रहे हैं. यह सुनकर डिप्टी सीएम ने मौके पर मौजूद सीईओ और संबंधित कर्मचारियों से सख्त लहजे में पूछा कि शिकायत आधे साल से लंबित क्यों रखी गई. उन्होंने सीईओ को निर्देश दिया कि उनके क्षेत्र में कितने मामले पेंडिंग हैं, इसकी विस्तृत सूची एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराएं.

विजय कुमार सिन्हा के कड़े तेवर देखकर मौजूद अधिकारियों में खलबली मच गई. उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा, “अगर 15 दिनों में सभी लंबित मामलों का निपटारा नहीं हुआ तो अगली बार हम किसी को थर-थर कांपने भी नहीं देंगे.” उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन से जुड़े मामलों को जानबूझकर लटकाना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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डिप्टी सीएम ने अधिकारियों-कर्मचारियों को हिदायत दी कि शिकायतों को अनावश्यक रूप से रेफर करने की प्रवृत्ति बंद करें, वरना कठोर कार्रवाई तय है. उन्होंने कहा कि फर्जी अभिलेखों के आधार पर जमीन की खरीद-फरोख्त करने वालों को किसी हाल में नहीं छोड़ा जाएगा और ऐसे मामलों को बढ़ावा देने वाले अधिकारियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी. सभी जिलाधिकारियों को दोषियों के खिलाफ रिपोर्ट भेजने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.

करीब ढाई घंटे चले संवाद कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने कई कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा और विभिन्न शिकायतों पर तत्काल जांच के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि आगामी 100 दिनों में प्रदेश के सभी जिलों में इसी तरह के जनकल्याण संवाद आयोजित किए जाएंगे, ताकि भूमि विवादों का समयबद्ध निपटारा हो सके.

सिन्हा ने आम लोगों से अपील की कि वे अपनी शिकायतें पहले निचले स्तर पर दर्ज कराएं और उसकी रिसीविंग संभालकर रखें. यदि सुनवाई न हो तो वही रिसीविंग लेकर ऊपरी अधिकारियों के पास जाएं, और फिर भी न्याय न मिले तो सचिव तथा उपमुख्यमंत्री के स्तर पर आवेदन दें. उन्होंने आश्वासन दिया कि नीचे से ऊपर तक किसी भी स्तर के लापरवाह अधिकारी-कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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