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New Toll Tax Policy: जितना चलेंगे... FASTag से उतना कटेगा पैसा! जानिए क्या है किलोमीटर बेस्ड टोल पॉलिसी

KM Based Toll Policy: भारत सरकार एक नए टोल पॉलिसी पर काम कर रही है जिसके तहत यूजर्स को तय की गई दूरी के अनुसार टोल टैक्स का भुगतान करना होगा. इस नए सिस्टम को लागू करने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) टेक्नोलॉजी पर बेस्ड एडवांस सिस्टम शुरू करने की प्रक्रिया में है.

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Toll Plaza
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New KM Based Toll Tax Policy: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देश में नई टोल नीति लाने की योजना बना रही है. इस नई पॉलिसी के तहत वाहन चालकों को केवल उतना ही टोल टैक्स देना होगा जितने किलोमीटर की वो यात्रा करेंगे. यानी नई टोल पॉलिसी किलोमीटर बेस्ड टैक्स की वसूली करेगी. हालांकि अभी सरकार द्वारा इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी खूब चर्चा हो रही है. तो आइये जानें क्या है ये किलोमीटर बेस्ड टोल पॉलिसी- 

ET की एक रिपोर्ट्स में बताया गया है कि, इस नीति के तहत हर टोल बूथ पर फास्टैग (FASTags) और कैमरे लगाए जाएंगे और टोल सीधे कार मालिक के बैंक खाते से वसूला जाएगा. सरकार नई टोल पॉलिसी को आसानी से लागू करने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) टेक्नोलॉजी पर बेस्ड एडवांस सिस्टम शुरू करने की प्रक्रिया में है. यह नीति देश भर में एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले लोगों को राहत देने के लिए बनाई गई है. 

बता दें कि, मौजूदा समय में राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 के अनुसार, यूजर्स को एक सड़क परियोजना के अंतर्गत सड़क की लंबाई के आधार पर एक निश्चित राशि के टोल शुल्क का भुगतान करना होता है, जो सामान्यतः 60 किमी होता है. यदि इस नई पॉलिसी को लागू किया जाता है तो य केवल यात्रा को सुगम बनाएगा बल्कि किफायती भी होगा.

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कैसे काम करेगा ये सिस्टम?

रिपोर्ट के अनुसार, टोल बूथ पर लगे कैमरे कार की नंबर प्लेट को रिकॉर्ड करेंगे और फास्टैग से जुड़े बैंकों से टोल काटा जाएगा. इसके अलावा टोल टैक्स वाहन द्वारा तय किए गए किलोमीटर की यात्रा के हिसाब से वसूला जाएगा. यानी यूजर को केवल उतना ही टोल देना होगा जितने किलोमीटर की उसने यात्रा की है. 

अगर यूजर के बैंक में टोल की राशि के अनुसार बैलेंस कम है तो पेनाल्टी लगाई जा सकती है. साथ ही, मौजूदा पॉलिसी के मुताबिक, यूजर को कम से कम 60 किलोमीटर के लिए टोल देना होगा. चूंकि नई पॉलिसी किलोमीटर आधारित होने जा रही है, इसलिए यात्रियों के लिए यह ज्यादा किफायती होने की उम्मीद है.
 
रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि, नई टोल पॉलिसी में टोल को बैरियर-फ्री भी बनाया जा सकता है. इससे यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी. यदि ऐसा होता है तो देशभर में हाईवे और एक्सप्रेसवे पर टोल बूथों पर लंबी वेटिंग लाइनों से छुटकारा मिलेगा. इसके अलावा विवाद की स्थिति से भी राहत मिलने की उम्मीद है.

कुछ दिनों पहले यह भी खबर आई थी कि भारत सरकार फास्टैग के लिए एनुअल पास (FasTag Anunual Pass) जारी करने पर भी विचार कर रही है. जिसके तहत वाहन चालकों को केवल एक बार भुगतान करना होगा और वो पूरे साल यात्रा कर सकेंगे. इस प्रस्तुत प्रस्ताव में सुझाव दिया गया था कि यूजर्स को इस वार्षिक पास के लिए 3,000 रुपये का भुगतान करना होगा. हालाँकि, अभी तक फास्टैग पास के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

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