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हाइब्रिड कारों पर न मिले छूट! दिग्गज कंपनियों ने UP सरकार को लिखी चिट्ठी, जानें क्या है मामला

रिपोर्ट के अनुसार, हुंडई, किआ मोटर्स, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियों ने अलग-अलग यूपी सरकार को पत्र लिख कर हाइब्रिड कारों पर छूट न देने की बात कही है. हाल ही में UP सरकार ने रजिस्ट्रेशन पर टैक्स छूट की घोषणा की है.

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Maruti Suzuki Grand Vitara
Maruti Suzuki Grand Vitara

देश की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियों ने उत्तर प्रदेश सरकार को हाइब्रिड कारों पर छूट न देने के लिए पत्र लिखा है. कंपनियों का मानना है कि, हाइब्रिड कारों छूट देने का असर इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की बिक्री और ईवी इंडस्ट्री के लिए किए जाने वाले निवेश पर पड़ेगा. बिजनेस टुडे में रायटर्स के हवाले से छपी रिपोर्ट के अनुसार, हुंडई, किआ मोटर्स, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियों ने अलग-अलग यूपी सरकार को पत्र लिख कर हाइब्रिड कारों पर छूट न देने की बात कही है.

क्या है मामला:

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने स्ट्रांग हाइब्रिड कारों के रजिस्ट्रेशन पर टैक्स छूट की घोषणा की है. जिससे कार खरीदारी में भारी बचत होगी. सरकार के इस फैसले से ग्राहकों को हाइब्रिड कार खरीदारी के दौरान संभावित रूप से 3 लाख रुपये तक की बचत हो सकती है. यूपी सरकार स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों और प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क पर 100 प्रतिशत छूट दे रही है. उत्तर प्रदेश में 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले वाहनों पर 8% और 10 लाख रुपये से ज़्यादा कीमत वाले वाहनों पर 10% रोड टैक्स वसूला जाता है, इसलिए ये फैसला काफी राहत भरा होगा.

इन कारों पर 3 लाख तक की बचत:

मारुति सुजुकी इंडिया (MSIL), होंडा कार्स इंडिया (HCIL) और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (TKM) जैसी कंपनियों को यूपी सरकार के इस फैसले से बड़ा फायदा होने की उम्मीद है. क्योंकि वो प्रमुख कार ब्रांड्स हैं जो भारतीय बाजार में हाइब्रिड कारों की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री करती हैं. ग्राहक मारुति इनविक्टो और टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस जैसी कारों पर 3 लाख रुपये और मारुति ग्रैंड विटारा, टोयोटा अर्बन क्रूजर हाइराइडर और होंडा सिटी ई: HEV पर 2 लाख रुपये तक की बचत कर सकते हैं.

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इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए UP में छूट:

जुलाई में उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए एक नई अधिसूचना जारी की थी. इस योजना के तहत 25,000 इलेक्ट्रिक कारों की खरीद पर 15% सब्सिडी दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये होगी. इसके अतिरिक्त, 200,000 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीद के लिए 100 करोड़ रुपये का अमाउंट आवंटित किया गया है. जिसमें 12,000 रुपये या वाहन की कीमत का 15% सब्सिडी शामिल है. यह सब्सिडी कार्यक्रम 2027 तक या आवंटित धनराशि समाप्त होने तक (जो भी पहले हो) प्रभावी रहेगा.

कंपनियों ने क्या लिखा:

रिपोर्ट के अनुसार, साउथ कोरियन कंपनी हुंडई जो जल्द ही भारत में अपना IPO लाने वाली है उन्होनें 12 जुलाई को यूपी सरकार को लिखे पत्र में कहा कि, सरकार का ये फैसला ट्रांसपोर्ट के इलेक्ट्रिफिकेशन को पटरी से उतार देगा. वहीं किआ का कहना है कि हाइब्रिड वाहनों को इस तरह से प्रमोट करना इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा. महिंद्रा ने भी EV बाजार को प्रभावित होने को लेकर चिंता व्यक्त की है. 

देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेग्मेंट की लीडर टाटा मोटर्स ने 11 जुलाई को लिखे अपने पत्र में कहा कि, हाइब्रिड वाहनों को तरजीह देने से EV के विकास के लिए इंडस्ट्री द्वारा किए जाने वाला 9 बिलियन डॉलर का निवेश जोखिम में पड़ सकता है. बता दें कि, टाटा मोटर्स के पोर्टफोलियो में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं. कंपनी नेक्सॉन ईवी, टिएगो ईवी, टिगोर ईवी और पंच ईवी सहित कई मॉडलों की बिक्री करती है. इसी महीने कंपनी अपनी नई इलेक्ट्रिक कार Curvv EV को भी लॉन्च करने जा रही है.

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नोट: हुंडई, किआ, टाटा और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है. आजतक स्वतंत्र रूप से इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं कर सका है.

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