
Ferrari Stellantis legal battle: इटली की सबसे ताकतवर कारोबारी फैमिली में एक बार फिर से समस्या शुरू हो गई है. Ferrari और Stellantis जैसी कंपनियों को कंट्रोल करने वाले Agnelli परिवार में विरासत को लेकर पुराना झगड़ा फिर उभर आया है. इस बार मामला और भी पेचीदा हो गया है क्योंकि मरहूम जियाननी एग्नेली (Gianni Agnelli) की कथित हैंडरिटन वसीयत का नया पन्ना सामने आया है, जिसने बेटे-बेटी और पोते-पोती सबको कोर्टरूम में खड़ा कर दिया है.
Gianni Agnelli, जिन्हें इटली का 'किंग ऑफ फिएट' भी कहा जाता है, 2003 में गुजर गए थे. उनकी संपत्ति और हिस्सेदारी पर परिवार में पहले से ही विवाद चला आ रहा है. खासकर उनकी बेटी मार्गेरिटा एग्नेली और उनके पहले विवाह से हुए तीन बच्चों, जॉन एल्कैन (जो आज फेरारी और स्टेलेंटिस के चेयरमैन हैं), लोपो और जिनेवरा के बीच.
मार्गेरिटा पहले भी अपनी विरासत को लेकर मुकदमेबाज़ी कर रही थीं. लेकिन सोमवार को ट्यूरिन (इटली) की एक अदालत में उनके वकीलों ने एक नया दस्तावेज़ पेश कर सबको चौंका दिया. ये दस्तावेज़ 20 जनवरी 1998 की हाथ से लिखी हुई एक चिट्ठी है, जिस पर खुद जियाननी एग्नेली के हस्ताक्षर बताए जा रहे हैं.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस नोट में लिखा गया कि Gianni की होल्डिंग कंपनी Dicembre में उनकी लगभग 25% हिस्सेदारी उनके बेटे एडोआर्डो अग्नेल्ली को मिलनी चाहिए. लेकिन एडोआर्डो की 2000 में मृत्यु हो गई. इससे पहले 1996 में बने एक अन्य दस्तावेज़ में यही हिस्सेदारी जॉन एल्कैन (Gianni के पोते) को दी जानी तय हुई थी. और हुआ भी वही 2003 में जियाननी की वसीयत खोली गई तो सबको सिर्फ 1996 वाला दस्तावेज़ दिखाया गया.
जियाननी की पत्नी मारेला कैरासिओलो ने तब Dicembre कंपनी की 25.37% हिस्सेदारी जॉन एल्कैन को दे दी. इससे एल्कैन को होल्डिंग कंपनी पर बहुमत के साथ अधिकार मिल गया. लेकिन अब मार्गेरिटा एग्नेली (जियाननी एग्नेली की बेटी) का कहना है कि 1998 का ये नोट असली है, और ये हिस्सेदारी उन्हें और मारेला कैरासिओलो को मिलनी चाहिए थी.
रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि, मार्गेरिटा पहले ही अपने पिता से करीब 1.2 बिलियन यूरो (लगभग 1.4 अरब डॉलर) की संपत्ति पा चुकी हैं. लेकिन उनका दावा है कि उन्हें और उनके दूसरे विवाह से हुए पांच बच्चों को और बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए.
जॉन एल्कैन की कानूनी टीम का कहना है कि, 1998 वाला कथित दस्तावेज़ किसी काम का नहीं है, क्योंकि 2004 में जियाननी एग्नेली की संपत्ति को लेकर जो समझौते हुए थे, वही मान्य हैं. और उसी के आधार पर जॉन एल्कैन Ferrari और Stellantis जैसी कंपनियों के सर्वोच्च चेयरमैन बने.
यह नया दस्तावेज़ दरअसल सामने आया ट्यूरिन के प्रॉसिक्यूटर की एक अलग टैक्स एवेज़न जांच के दौरान. इसी जांच के तहत जॉन एल्कैन ने इस महीने एक साल की कम्युनिटी सर्विस करने पर सहमति जताई. अब यह लड़ाई सिर्फ पैसों की नहीं है, बल्कि Ferrari और Stellantis जैसी कंपनियों को कंट्रोल करने वाली कुर्सी किसके पास रहेगी, इसकी भी है. और एग्नेली परिवार की यह जंग इटली ही नहीं, पूरी ग्लोबल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए बड़ा मसला बन चुकी है.
जिस जियाननी एग्नेली के कथित हैंडरिटन वसीयत से विवाद खड़ा हुआ है उनके दादा जियोवानी अग्नेली (Giovanni Agnelli) इटली के मशहूर उद्योगपति और फ़िएट (FIAT) ऑटोमोबाइल कंपनी के सह-संस्थापक थें. उनका जन्म 1866 में हुआ था और वे इटली की औद्योगिक क्रांति के बड़े चेहरों में गिने जाते हैं. उन्होंने 1899 में ट्यूरिन (Turin) में फ़िएट की शुरुआत की, जो आगे चलकर यूरोप की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बनी. अग्नेली ने न सिर्फ़ इटली की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया, बल्कि फ़िएट के ज़रिए इटली को ग्लोबल ऑटोमोबाइल बाज़ार में मज़बूत पहचान दिलाई.

एंज़ो फेरारी ने 1939 में अल्फ़ा रोमियो छोड़कर अपनी कंपनी Auto Avio Costruzioni शुरू की, जो आगे चलकर फेरारी बनी. लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब उन्होंने स्पोर्ट्स कारों का उत्पादन तेज़ किया तो भारी निवेश की ज़रूरत पड़ी. इसी दौरान 1969 में फिएट (FIAT) ने फेरारी में प्रवेश किया और कंपनी की 50% हिस्सेदारी खरीद ली. इस साझेदारी से फेरारी को वित्तीय मज़बूती मिली और उसने बड़े पैमाने पर रेसिंग और रोड कारों का उत्पादन शुरू किया. वहीं एंज़ो फेरारी ने स्पोर्ट्स और रेसिंग डिवीज़न पर अपना कंट्रोल बनाए रखा. बाद में 1988 में एंज़ो की मृत्यु से पहले फिएट ने अपनी हिस्सेदारी 90% तक बढ़ा ली थी.