
भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) को लेकर आखिरकार बड़ी ख़बर आ गई है. कारों में यात्रियों की सेफ्टी के मद्देनज़र लाया जाने वाला ये क्रैश टेस्ट प्रोग्राम कल से यानी 22 अगस्त से लागू किया जाएगा. इस प्रोग्राम के तहत भारत में मैन्युफैक्चरिंग की जाने वाली और बेचे जाने वाली कारों को उनके क्रैश रिपोर्ट के आधार पर सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी. लंबे समय से भारत NCAP का इंतजार हो रहा था और अब इस प्रोग्राम को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा कल लॉन्च किया जाएगा. इस नए प्रोग्राम के तहत 3.5 टन तक वजन वाले वाहनों का क्रैश टेस्ट किया जाएगा.
Bharat NCAP क्रैश टेस्ट असेसमेंट प्रोग्राम के तहत, वाहन निर्माता स्वेच्छा से ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) 197 के अनुसार अपने वाहनों की टेस्टिंग के लिए पेशकश कर सकते हैं. इस टेस्टिंग में वाहन के प्रदर्शन के आधार पर, वयस्क यात्रियों (AOP) और बच्चों यानी कि चाइल्ड ऑक्युपेंट्स (COP) के लिए स्टार रेटिंग दी जाएगी. अब तक भारत में जो वाहन बेचे जाते रहे हैं उनकों ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट के आधार पर सेफ्टी रेटिंग दी जाती रही है. इसके अलावा एजेंसी को शोरूम से भी वाहन लेने की भी आजादी होगी.

क्या है Bharat NCAP:
भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) एक क्रैश टेस्ट मूल्यांकन प्रोग्राम है, जो कि वाहनों की क्रैश टेस्टिंग के बाद उनके परफॉर्मेंस के आधार पर 0 से 5 स्टार रेटिंग देगा. जैसा कि आप अब तक ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में देखते आए हैं. रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने देश में कारों का क्रेश टेस्ट करने और उन्हें सेफ्टी रेटिंग देने के लिए पैरामीटर तय कर लिए हैं. जब ये प्रोग्राम लागू हो जाएगा, वाहन निर्माता अपने वाहनों को परीक्षण के आधार पर सेफ्टी रेटिंग देगे, जिससे कार खरीदारों को वाहन चुनने में आसानी होगी.
सरकार ने भारत एनसीएपी के परीक्षण प्रोटोकॉल को वैश्विक क्रैश-टेस्ट प्रोटोकॉल के साथ जोड़ दिया है, और नए मानकों में उनकी वेबसाइट पर 1 से 5 स्टार तक की स्टार रेटिंग की सुविधा दी जाएगी. यह देश में निर्मित या आयातित 3.5 टन से कम वजन वाले 'M1' श्रेणी के अनुमोदित मोटर वाहनों पर लागू होगा. M1 श्रेणी के मोटर वाहनों का उपयोग यात्रियों के आवागमन के लिये किया जाता है, जिसमें अधिकतम चालक की सीट के अलावा 8 सीटें होती हैं.
कौन करेगा टेस्टिंग:
ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI), भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम के लिए परीक्षण (Crash Test) एजेंसी का काम कर रही है. ARAI ने भी सभी पैरामीटर्स के अनुसार वाहनों के क्रैश टेस्ट के लिए कमर कस रखा है. पुणे और चाकन में पूरी तरह से अत्याधुनिक तकनीक से लैस लैब्स हैं, जिन्होंने 800 से अधिक प्री-एनसीएपी क्रैश परीक्षण किए हैं. ये एजेंसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के परीक्षणों को करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. BNCAP की एक ख़ास बात ये भी है कि, इसमें अन्य क्रैश-टेस्ट एजेंसियों की तरह एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी के लिए अलग-अलग रेटिंग नहीं मिलेगी, संभव है कि इन दोनों मामलों में एक ही यूनिफाइड रेटिंग दी जाए.

भारत NCAP के पैरामीटर्स:
अभी तक सरकार BNCAP के पैरामीटर्स को जो अंतिम रूप दिया है उसके आधार पर-
- सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों के अनुकूल कार के डिजाइन का आकलन
- कार के स्ट्रक्चर और सेफ्टी के लिए दी जाने वाली टेक्नोलॉजी
- वाहन में वयस्क और बच्चों की सेफ्टी का आकलन
- वाहनों को 0 से 5 के बीच रेटिंग दी जाएगी
वाहन निर्माताओं को अपने वाहनों के क्रैश-टेस्ट के लिए सेंपल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. ताकि एजेंसी उन वाहनों का टेस्ट कर सके और फिर रेटिंग दी जा सके. इसके अलावा एजेंसी सीधे शोरूम से भी वाहन उठा सकती है और उनका क्रैश टेस्ट करने के लिए स्वतंत्र होगी. इस नई नीति से सबसे बड़ा लाभ स्थानीय वाहन निर्माताओं को होगा क्योंकि उन्हें अब परीक्षण और स्टार रेटिंग के लिए अपने वाहनों के नमूने को विदेश नहीं भेजना पड़ेगा, जो एक महंगी प्रक्रिया है. ये एजेंसी CNG और इलेक्ट्रिक कारों का भी परीक्षण करेगी.