वाराणसी में वकील और पुलिस के बीच चल रहा विवाद एक बार फिर गर्मा गया. गुरुवार को पुलिस कमिश्नर ऑफिस में वकील अपने मुवक्किल के साथ पहुंचे थे. इस दौरान दारोगा पिटाई मामले को लेकर वकीलों और पुलिसकर्मियों में कहासुनी हो गई और देखते ही देखते धक्का-मुक्की शुरू हो गई. हालात बिगड़ने पर पुलिस ने तुरंत वकीलों को वहां से हटाया और कचहरी से पुलिस कमिश्नर ऑफिस को जोड़ने वाला गेट बंद कर दिया.
दरअसल 16 सितंबर को वाराणसी कचहरी में बड़ागांव थाने के दारोगा मिथिलेश प्रजापति की वकीलों ने जमकर पिटाई कर दी थी. दारोगा को 16 जगह चोटें आई थीं और उन्हें BHU ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. इस मामले में कैंट थाने में 10 नामजद वकीलों और 50-60 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. लेकिन घटना के तीन दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई.
वकीलों और पुलिसकर्मियों में हुई कहासुनी
इसी बात से नाराज दरोगा की पत्नी अनीता यादव और परिजन पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए. उन्होंने आरोप लगाया कि नामजद मुकदमे के बावजूद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने भरोसा दिलाया कि जल्द कार्रवाई होगी और बार एसोसिएशन से सहयोग मिल रहा है.
कहासुनी के बाद शुरू हुई धक्का-मुक्की
परिजन के लौटने के बाद नया विवाद तब हुआ जब वकील कमिश्नर से मिलने पहुंचे. पुलिसकर्मी गुस्से में थे और उन्होंने वकीलों को खरीखोटी सुनाई. विवाद इतना बढ़ा कि वकीलों को पीछे हटना पड़ा. वकीलों का आरोप है कि पुलिस लगातार उन्हें निशाना बना रही है और उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे गलत हैं.
रोशन जायसवाल