उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पंकज चौधरी की ताजपोशी के साथ संगठन में बदलाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है. बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल का विस्तार का रास्ता अब साफ हो गया है. माना जा रहा है कि नए साल में एंट्री करने और खरमास खत्म होते ही कैबिनेट विस्तार को अमलीजामा पहनाने की कवायद की जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली कैबिनेट में फिलहाल 54 मंत्री हैं जबकि कैबिनेट में 60 मंत्रियों का कोटा है. इस तरह योगी सरकार में 6 मंत्री के पद खाली है. 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में योगी कैबिनेट विस्तार के जरिए बीजेपी यूपी में अपने सियासी समीकरण को साधने का दांव चल सकती है. ऐसे में माना जा रहा है कि यूपी को तीसरा डिप्टी सीएम मिल सकता है.
खरमास के बाद कैबिनेट विस्तार
बीजेपी ने खरमास लगने से पहले यूपी में प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नितिन नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति कर ली है. 15 जनवरी को खरमास लग गया है, जिसके चलते यूपी में कैबिनेट विस्तार को एक महीने के लिए टाल दिया गया है.
अब खरमास के बाद यानी जनवरी के आखिर में कभी भी योगी कैबिनेट में विस्तार होने की उम्मीद है. बीजेपी का लक्ष्य है कि आने वाले चुनावी साल में उसका संगठन और सरकार दोनों पूरी तरह से राजनीतिक तालमेल में रहें. इस तरह से जनवरी के तीसरे हफ्ते के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है. इसमें कई नए चेहरों की एंट्री हो सकती है तो कई पुराने चेहरों की छुट्टी.
भूपेंद्र चौधरी क्या फिर बनेंगे मंत्री?
पंकज चौधरी से पहले यूपी बीजेपी के अध्यक्ष रहे और वरिष्ठ जाट नेता भूपेंद्र सिंह चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल करना लगभग तय माना जा रहा है. भूपेंद्र चौधरी ने 2022 में पार्टी संगठन का कार्यभार संभालने से पहले पंचायती राज मंत्री के रूप में काम किया था. उन्हें पश्चिमी यूपी में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली जाट समुदाय तक बीजेपी की पहुंच को मजबूत करने में महत्वपूर्ण माना जाता है. कैबिनेट में उनकी वापसी उनके संगठनात्मक पद छोड़ने की भरपाई भी करेगी.
यूपी को मिलेगा तीसरा डिप्टी सीएम?
ओबीसी नेता पंकज चौधरी को यूपी संगठन की कमान सौंपने के साथ बीजेपी सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए एक अनुसूचित जाति (एससी) नेता को कैबिनट में एक प्रमुख मंत्री पद पर लाने पर भी विचार कर रही है. मौजूदा समय में उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य (ओबीसी) और बृजेश पाठक (ब्राह्मण) के साथ इस बार एससी समुदाय से तीसरे उपमुख्यमंत्री के बनाए जाने की अटकलें तेज हैं.
पूजा पाल और पांडेय को मिलेगा मौका
वहीं, सूत्रों ने पूर्व जल शक्ति मंत्री और मौजूदा एमएलसी महेंद्र सिंह की योगी सरकार के मंत्रिमंडल की वापसी के संकेत मिल रहे हैं. महेंद्र सिंह अभी मध्य प्रदेश के लिए भाजपा के चुनाव प्रभारी हैं. अब उन्हें कैबिनेट में फिर से उन्हें शामिल करने की चर्चा है.
सपा से बगावत कर बीजेपी खेमे में आए विधायकों में से कुछ को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है.
ऊंचाहार से सपा विधायक मनोज पांडे के योगी सरकार में मंत्री बनने का संभावित दावेदार माना जा रहे हैं. साथ ही बागी सपा विधायक पूजा पाल का नाम भी चर्चा में है. पूजा पाल और मनोज पांडेय को सपा ने बाहर का रास्ता दिखा चुकी है, जिसके चलते उनके मंत्री बनने की राह में किसी तरह की कोई अड़चन भी नहीं है.
मंत्रिमंडल विस्तार से साधेगी समीकरण
बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस फेरबदल का इस्तेमाल सरकार में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है. यह देखते हुए कि सीएम योगी और भाजपा के नए यूपी अध्यक्ष पंकज चौधरी दोनों पूर्वी यूपी के सटे हुए क्षेत्रों से आते हैं. सरकार की पहुंच बढ़ाने के लिए कम प्रतिनिधित्व वाले इलाकों से नेताओं को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है. माना जा रहा है कि कैबिनट विस्तार में पश्चिमी यूपी से लेकर सेंट्रल और बुंदेलखंड से प्रतिनिधत्व दिया जा सकता है.
समर्थ श्रीवास्तव