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ब्लैक लिस्ट होने से बच गया पाकिस्तान, अब मिला चार महीने का समय

aajtak.in
  • 22 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST
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फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने आतंकी समूहों को वित्त पोषण के मामले में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने का फैसला किया है. यह फैसला शुक्रवार को एफएटीएफ के पूर्ण सत्र के दौरान लिया गया था. बैठक में अब पाकिस्तानी को टेरर फंडिंग में शामिल संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए चार महीने की एक और समय-सीमा दी गई है.

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एफएटीएफ के अध्यक्ष जियांगमिन लियू ने प्लेनरी की अध्यक्षता की. जहां टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को आगे की कार्रवाई की चेतावनी दी है. बैठक के अनुसार पाकिस्तान ने 27 में से सिर्फ 14 एक्शन प्लान को पेश किया है.

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बैठक के परिणाम को लेकर प्रेस में कहा गया है कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान से जून 2020 तक अपनी पूर्ण कार्ययोजना को तेजी से पूरा करने का आग्रह किया है. अन्यथा अगली प्लेनरी में एफएटीएफ कार्रवाई कर सकता है.  इससे एफएटीएफ के सदस्यों के साथ पाकिस्तान के व्यापार संबंधों और लेनदेन पर भी फर्क पड़ सकता है.

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उधर सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ग्रे सूची में तो रहेगा लेकिन उसके सभी झूठ और दावे सामने आ गए हैं, जो वह दुनिया को गुमराह करने के लिए कर रहा है.

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पाकिस्तान की सरकार ने फरवरी प्लेनरी के अनुपालन की प्रतिबद्धता जताई थी, जबकि यह सवाल था कि क्या पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करने के लिए कोई कदम उठाया जाएगा. ब्लैकलिस्टिंग के कदम को रोकने के लिए केवल तीन वोटों की आवश्यकता होती है.

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उधर चीन ने शुक्रवार को आतंक के वित्त पोषण से निपटने में पाकिस्तान के 'भारी प्रयासों' की प्रशंसा की है. लेकिन चीन ने इस बात को भी जता दिया  है कि उसने पाकिस्तान को ग्रे सूची में बचाए रखने के लिए उसका समर्थन किया है.

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मामले में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्त पोषण पर कार्य योजना को लागू करने के लिए कुछ समय और दिया गया है.

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कुल मिलाकर एफएटीएफ की मीटिंग से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि सभी समय सीमाएं समाप्त हो जाने के बावजूद भी पाकिस्तान को अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है.
(All Photos: File)

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तुर्की ने किया भरपूर समर्थन: 

उधर एक रिपोर्ट ने कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पाकिस्तान को एफएटीएफ द्वारा ब्लैकलिस्ट होने से बचाने में अंत तक तुर्की मजबूती से खड़ा रहा. हालांकि अंत में चीन ने भी नरम रुख अपनाया. लेकिन उसने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी है.

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ये बात तय है कि पाकिस्तान फिलहाल एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा और अगर वह जून महीने से पहले आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करता है तो उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे.

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रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अपनी जनता और पूरी दुनिया को गुमराह करने की कोशिश में हमेशा से एफएटीएफ की कार्रवाई को लेकर गलत तथ्य और चुनिंदा बातें लीक कराता रहता है. सच तो ये है कि तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है.

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भविष्य में हो सकता है ब्लैकलिस्ट
पाकिस्तान के सामने अब ये संकट है कि अगर वह एफएफटीएफ के मानकों के अनुरूप कार्रवाई नहीं करता है तो भविष्य में ब्लैकलिस्ट हो सकता है.

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पाकिस्तान को तुर्की को छोड़कर लगभग सभी एफएटीएफ सदस्य देशों ने सख्त संदेश दिया है कि वह जून 2020 तक 13 सूत्रीय ऐक्शन प्लान को पूरा कर ले. इस 13 सूत्रीय ऐक्शन प्लान में सभी आतंकी संगठनों के शीर्ष नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करना भी शामिल है.

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मुद्दे का राजनीतिकरण?: 

पाकिस्तान लंबे वक्त से एफएटीएफ की प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने की कोशिश करता रहा है जो तुर्की और मलेशिया के हालिया बयानों से भी जाहिर होता है. जब तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यर एर्दोगन इस महीने पाकिस्तान के दौरे पर पहुंचे तो उन्होंने पाकिस्तान को एफएटीएफ में समर्थन देने का ऐलान किया था.

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कब से रडार पर है पाकिस्तान: 

दुनिया भर में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों के वित्तपोषण पर निगरानी करने वाली संस्था FATF के रडार में इस्लामाबाद जून 2018 से ही है.

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एशिया-पैसेफिक ग्रुप (एपीजी) ने पाकिस्तान की वित्तीय व्यवस्था का मूल्यांकन करने के बाद आतंकी संगठनों की फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर खतरे को उजागर किया था. इसी रिपोर्ट के बाद FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था.

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वर्तमान में एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) और एफएटीएफ दोनों संगठनों में शामिल भारत, यूएस और यूके के साथ मिलकर इस्लामाबाद को एफएटीएफ से ब्लैकलिस्ट कराने के लिए कोशिशें कर रहा है.

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अब तक पाकिस्तान वित्तीय अपराधों को रोकने और आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने में असफल रहा है. ऐसे में चीन और सऊदी अरब भी भारत को समर्थन दे देते हैं तो पाकिस्तान को आतंकवाद का खात्मा करने के लिए मजबूर होना ही पड़ेगा.

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