गुजरात के सूरत में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने न सिर्फ आम लोगों को बल्कि अस्पताल प्रशासन और श्मशान घाट कर्मचारियों को भी हैरानी में डाल दिया. दरअसल एक महिला की मौत के बाद उसका शव अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया, लेकिन वहां से बिना दाह-संस्कार के ही शव को दोबारा अस्पताल वापस लाना पड़ा. परिजनों के अनुसार, सुनीता देवी लंबे समय से बीमार थीं और उन्हें पैरालिसिस की समस्या थी. श्मशान घाट पहुंचने पर वहां के संचालकों ने मृतक महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज मांगे. परिजनों के पास ये कागजात मौजूद नहीं थे, जिसके कारण श्मशान घाट प्रशासन और परिजनों के बीच विवाद हो गया. नियमों के अनुसार कागजात के अभाव में अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया गया.