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साइंस न्यूज़

रूसी पोलर रिसर्च स्टेशन पर साइंटिस्ट नहीं... रहते हैं सिर्फ पोलर बियर

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST
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रूस के दूर उत्तर-पूर्वी तट पर एक छोटे द्वीप पर ध्रुवीय भालू पुराने सोवियत रिसर्च स्टेशन पर कब्जा जमा चुके हैं. यह स्टेशन चुकची सागर में कोल्युचिन द्वीप पर है. ट्रैवल ब्लॉगर वादिम मखोरोव ने इस महीने गर्मियों के अंत में ड्रोन से यह नजारा फिल्माया. भालू स्टेशन के बिखरे हुए इमारतों में घूमते-फिरते दिखे. Photo: Reuters
 

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एक भालू ने ड्रोन की तरफ झपटा भी मारा. बाकी भालू खेल-खेल में सिर बाहर निकालते दिखे. यह दृश्य आर्कटिक की धूप में शांत लेकिन रोमांचक लग रहा था. मखोरोव ने बताया कि मुझे लगता है कि वे इन घरों को हवा, बारिश और अन्य चीजों से बचने की जगह मानते हैं. कुल मिलाकर, वे वहां अच्छे से रह लेते हैं.  Photo: Reuters

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भालू स्टेशन के इमारतों में अंदर-बाहर घूम रहे थे. वे आराम से रह रहे थे. यह जगह उनके लिए सुरक्षित लग रही है. यह रिसर्च स्टेशन सोवियत संघ के समय का है. यह एक छोड़े गए गांव में स्थित था. सोवियत संघ के विघटन के तुरंत बाद, 30 साल से ज्यादा पहले वैज्ञानिकों ने इसे छोड़ दिया.  Photo: Reuters

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तब से यह जगह खाली पड़ी रही. अब प्रकृति ने इसे ध्रुवीय भालूओं का घर बना दिया है. आर्कटिक का ठंडा इलाका इन जानवरों का प्राकृतिक घर है, लेकिन जलवायु परिवर्तन से बर्फ पिघल रही है. इससे भालू तट पर ज्यादा आ रहे हैं. Photo: Reuters

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मखोरोव का ड्रोन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसमें भालू भवनों के दरवाजे-खिड़कियों से झांकते दिखे. वे शांतिपूर्ण लग रहे थे. एक भालू ने ड्रोन को देखकर दहाड़ा, लेकिन खतरा नहीं था.  Photo: Reuters

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यह वीडियो आर्कटिक की अनोखी जिंदगी दिखाता है. भालू यहां शिकार और आराम के लिए रहते हैं. यह घटना जलवायु परिवर्तन की याद दिलाती है. ध्रुवीय भालू बर्फ पर निर्भर हैं, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग से उनका घर सिकुड़ रहा है.  Photo: Reuters

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वे मानव बस्तियों या पुरानी इमारतों की ओर रुख कर रहे हैं. रूस का यह द्वीप आर्कटिक का हिस्सा है, जहां तापमान तेजी से बदल रहा है. वैज्ञानिक कहते हैं कि ऐसे दृश्य भविष्य की चेतावनी हैं.  Photo: Reuters
 

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यह भालूओं का कब्जा प्रकृति की अनुकूलन क्षमता दिखाता है. पुराना स्टेशन अब इन सफेद राजाओं का महल बन गया. लेकिन हमें पर्यावरण बचाने की जिम्मेदारी निभानी होगी, ताकि ये भालू अपने असली घर में लौट सकें.  Photo: Reuters

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