भोपाल: आतंकी फंडिंग में फंसाने की धमकी, सीनियर एडवोकेट ने की खुदकुशी

भोपाल में 68 साल के सीनियर एडवोकेट शिवकुमार वर्मा ने साइबर ठगों की फर्जी ‘आतंकी फंडिंग’ धमकी से घबराकर आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि उनके नाम से फर्जी खाता खोलकर आतंकी फंडिंग का आरोप लगाया गया. इससे बदनामी के डर ने उन्हें तोड़ दिया. पुलिस डिजिटल अरेस्ट वाले इस मामले की जांच कर रही है.

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सीनियर एडवोकेट ने की खुदकुशी (Photo: ITG) सीनियर एडवोकेट ने की खुदकुशी (Photo: ITG)

रवीश पाल सिंह / धर्मेंद्र साहू

  • भोपाल ,
  • 27 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में साइबर ठगों की धोखाधड़ी ने एक सीनियर एडवोकेट की जान ले ली. 68 साल के एडवोकेट शिवकुमार वर्मा ने फर्जी आतंकी फंडिंग में फंसाए जाने के डर से आत्महत्या कर ली. मामला जहांगीराबाद इलाके का है. सोमवार देर रात उनका शव कमरे में फंदे से लटकता मिला.

शिवकुमार वर्मा की पत्नी और बेटी घटना के समय दिल्ली गए हुए थे, जबकि उनका बेटा पुणे में नौकरी करता है. रात में पत्नी के कई बार फोन करने पर भी जब उन्होंने कॉल नहीं उठाया तो पत्नी ने किरायेदार को घर भेजा. किरायेदार ने खिड़की से झांककर देखा तो वर्मा फंदे पर लटके थे. उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने उन्हें उतारकर अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

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सीनियर एडवोकेट ने की आत्महत्या

कमरे की तलाशी में पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला. उसमें लिखा था कि वह अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि किसी व्यक्ति ने उनके नाम से HDFC बैंक में फर्जी खाता खुलवाया है. नोट में बताया गया कि यह खाता पहलगाम के आतंकी आसिफ की फंडिंग में इस्तेमाल हुआ है. उन्होंने लिखा कि देशद्रोही की छाप वह सह नहीं पाएंगे.

सुसाइड नोट में शिवकुमार ने यह भी याद किया कि भोपाल गैस त्रासदी के समय उन्होंने सैकड़ों मृतकों का अंतिम संस्कार कराया था. उस दौरान मुख्यमंत्री ने उनकी सेवा देखकर उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध कराई थी. उन्होंने करीब 50 बार रक्तदान कर कई लोगों की जान भी बचाई थी.

सुसाइड नोटकी जांच में जुटी पुलिस

भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा के अनुसार, मोबाइल की जांच जारी है. मामला डिजिटल अरेस्ट से जुड़ा है जिसमें आरोपी पीड़ित को धमकाकर फर्जी केस में फंसा देते हैं. पुलिस ने केस दर्ज कर सभी डिजिटल साक्ष्य जुटा लिए हैं और जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही है.

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नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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