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Corona: कोरोना की दूसरी लहर ने बढ़ाई सांस की दिक्कत, मृत्यु दर में इजाफा नहीं: ICMR प्रमुख

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 4:36 PM IST
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कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है. इस तबाही के बीच ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीमारी के लक्षण और वैक्सीन को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने बीमारी से बचाव के तरीक भी साझा किए हैं.

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कोरोना की दूसरी लहर में कई खास लक्षणों की पहचान की गई है. इस पर चर्चा करते हुए डॉ. भार्गव ने कहा, 'अगर आप लक्षणों पर नजर डालें तो देखेंगे कि कोरोना की मौजूदा लहर में सांस की तकलीफ झेल रहे मरीजों की संख्या ज्यादा है. जबकि पिछली बार सूखी खांसी, जोड़ों में दर्द और सिरदर्द जैसे मामले ज्यादा सामने आ रहे थे.'

Photo: PTI

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डॉ. भार्गव ने कहा, 'हमारे पास जो डेटा उपलब्ध है उसके मुताबिक, कोरोना की पहली और दूसरी लहर के मृत्यु फीसद में कोई अंतर नहीं है. हालांकि मौजूदा लहर में ऑक्सीजन की जरूरत ज्यादा महसूस की जा रही है. भारत में मैकेनिकल वेंटिलेटर्स की जरूरत पिछली बार की तुलना में कम देखी जा रही है.'

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उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की दोनों ही लहरों में 70 प्रतिशत संक्रमित लोग 40 साल से ज्यादा उम्र के हैं. भारत में कोरोना का डबल म्यूटेंट वर्जन भी पाया गया है. हालांकि इसका हायर ट्रांसमिशन फिलहाल स्थापित नहीं है. ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के कोरोना वायरस म्‍यूटेंट भी चिंता का विषय हैं.

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डॉ. भार्गव ने कहा, 'RT-PCR एक गोल्ड स्टैंडर्ड की टेस्टिंग है. इसलिए इसमें किसी भी प्रकार के म्यूटेंट का बच निकलना या पकड़ में आना नामुमकिन है. हमने अस्पतालों में भर्ती मरीजों का डेटा एकत्रित करने वाली नेशनल कोविड रजिस्ट्री बनाई है, जिसमें करीब 9,000 मरीजों का डेटा उपलब्ध है.'

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वहीं एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'रिकवरी ट्रायल से पता चलता है कि स्टेरॉयड से फायदा होगा. लेकिन ये समझना भी जरूरी है कि आखिर इनका इस्तेमाल कब और कैसे किया जाना सही है. अगर ये सैचुरेशन गिरने से पहले दे दी जाए तो इससे नुकसान भी हो सकता है. शुरुआत में ही स्टेरॉयड लेने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या स्टेरॉयड न लेने वाले रोगियों से ज्यादा है.'

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इस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के हेल्थ मेंबर डॉ. वीके पॉल ने कहा, 'पिछली बार 30 साल से कम उम्र के 31 प्रतिशत लोग कोरोना संक्रमित हुए थे. जबकि दूसरी लहर में इतनी ही उम्र के 32 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए हैं. पिछली बार की तरह इस बार भी 30 से 45 साल के 21 प्रतिशत लोग कोरोना का शिकार हुए हैं.'

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worldometers के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के मामले अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा हैं. देश में अब तक डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं.

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