RSS के कार्यक्रमों में जा सकेंगे राज्य कर्मचारी, उत्तराखंड सरकार का आदेश

उत्तराखंड सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि अब राज्य कर्मचारी सुबह-शाम की RSS की शाखा सहित अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. इस संबंध में जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इससे राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन नहीं माना जाएगा.

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आरएसएस की शाखा में जा सकेंगे उत्तराखंड के कर्मचारी (फाइल फोटो) आरएसएस की शाखा में जा सकेंगे उत्तराखंड के कर्मचारी (फाइल फोटो)

अंकित शर्मा

  • देहरादून,
  • 05 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:45 AM IST

उत्तराखंड सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि अब राज्य कर्मचारी सुबह-शाम की RSS की शाखा सहित अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. इस संबंध में जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इससे राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन नहीं माना जाएगा. यह आदेश अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन द्वारा जारी किया गया है.

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यह आदेश अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन द्वारा जारी किया गया है. इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आरएसएस के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने की छूट सरकारी कर्मचारियों को सिर्फ उन्हें स्थितियों में मान्य होगी, जब तक इससे सरकारी कर्तव्य और दायित्व में कोई अड़चन न पड़ती हो. यानी राज्य कर्मचारी कार्यक्रमों में सरकारी कार्यालय अवधि से पहले या इसके बाद ही शामिल हो सकते हैं

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने अपने आदेश में कहा है कि शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी राजकीय कर्मचारी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा (प्रातःकालीन / सायंकालीन सभा) व अन्य सांस्कृतिक/सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने को उत्तराखंड राज्य कर्मवारियों की आचरण नियमावली, 2002 का उल्लंघन नहीं माना जाएगे.

मुख्य सचिव ने आगे कहा कि इस संबंध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि किसी राजकीय कार्मिक द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा व अन्य सांस्कृतिक/ सामाजिक गतिविधियों में तभी हिस्सा लिया जा सकेगा, बशर्ते इस कार्य द्वारा उसके सरकारी कर्तव्य एवं दायित्वों में कोई अड़चन न पड़ती हो. ऐसा सिर्फ सरकारी कार्यालय अवधि के पहले या बाद में ही किया जा सकेगा.

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उत्तराखंड में इसी साल लागू हुआ था यूसीसी

बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने इसी साल यूनिफॉर्म सिविल कोड 2024 का नोटिफिकेशन जारी कर किया था. यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना था. कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद इसका नोटिफिकेशन मार्च में जारी किया गया. उत्तराखंड विधानसभा ने 7 फरवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड को विधानसभा से पारित किया था. यूसीसी के तहत राज्य में विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन संबंधों को नियंत्रित किया जाएगा. यूसीसी का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब राज्य में पिछले सभी निजी कानून खत्म हो जाएंगे.

कांग्रेस प्रवक्ता सुजाता पॉल का कहना है कि उत्तराखण्ड में प्रचंड बहुमत की सरकार है. मुख्यमंत्री बौखला गए हैं. कानून व्यवस्था के हालातों के बीच ध्यान भटकाने के लिए सरकारी मुलाजिमों को आरएसएस के कार्यक्रम में जाने के लिए कहा जा रहा है. जुलाई में केंद्र सरकार भी लाई थी, लेकिन उत्तराखण्ड के लोग अपने मुद्दे जानती है.

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