उत्तर प्रदेश में विधान परिषद का चुनाव हो रहा है, जिसके लिए 9 अप्रैल (शनिवार) को वोट डाले जाएंगे. सूबे में एमएलसी की कुल 36 सीटें हैं. इनमें 9 सीटों पर मतदान से पहले ही फैसला हो चुका है और भाजपा के 9 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं. आइए, प्रत्याशियों के बारे में जानते हैं जिन्होंने इस चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की है...
मिर्जापुर-सोनभद्र सीट से श्याम नारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह निर्विरोध एमएलसी निर्वाचित हो चुके हैं. दरअसल, एमएलसी चुनाव में मिर्जापुर-सोनभद्र सीट से बीजेपी के जीत की राह उस समय आसान हो गई, जब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रमेश सिंह यादव ने अंतिम समय में अपना पर्चा वापस ले लिया था. मिर्ज़ापुर-सोनभद्र एमएलसी के चुनावी मैदान के तीन उम्मीदवारों ने नामांकन किया था. जिसमें से नामांकन पत्रों की जांच के बाद निर्दलीय उम्मीदवार प्रेमचन्द के नामाकंन पत्र में कमियां पाए जाने के कारण पर्चा निरस्त कर दिया गया था. बचे दो उम्मीदवारों में समाजवादी पार्टी से रमेश सिंह यादव ने नामांकन वापसी के दिन अचानक डीएम कार्यालय पहुच कर अपना पर्चा वापस ले लिया, जिसके बाद बीजेपी के प्रत्याशी श्याम नारायण उर्फ विनीत सिंह के निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता साफ हो गया.
अलीगढ़- हाथरस चौधरी ऋषिपाल सिंह निर्विरोध चुने गए
अलीगढ़ हाथरस सीट से भाजपा के चौधरी शिवपाल सिंह निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. इस सीट से समाजवादी पार्टी से जसवंत सिंह यादव ने अपना नामांकन दाखिल किया था. मगर भारतीय जनता पार्टी के नताओं ने उनके 3 प्रस्तावकों पर आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसके बाद हस्ताक्षर मिलान के लिए तीनों प्रस्तावकों को कलेक्ट्रेट आने का समय दिया गया था. लेकिन तीन में से दो ही प्रस्तावक समय से पहुंच कर अपने हस्ताक्षर का मिलान करा सके. एक प्रस्तावक के नहीं आने पर सपा प्रत्याशी और निवर्तमान एमएलसी जसवंत सिंह यादव का नामांकन निरस्त कर दिया गया. वहीं, पूर्व में एलएमसी रह चुके लोकदल पार्टी के अध्यक्ष सुनील सिंह ने भी अपना नामांकन बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए दाख़िल किया था. लेकिन भाजपा नेताओं की मान मनोव्वल करने के बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था. इस प्रकार से अलीगढ़ के मौजूदा भाजपा के जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह अलीगढ़-हाथरस निकाय के एमएलसी निर्विरोध निर्वाचित हुए.
एटा से आशीष यादव और मथुरा से ओम प्रकाश सिंह निर्विरोध जीते
एटा-कासगंज-मैनपुरी और मथुरा, इन चारों जिलों को मिलाकर दो एमएलसी चुने जाते हैं. जिसमें एटा से आशीष यादव और मथुरा से ओम प्रकाश सिंह निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. दरअसल, भाजपा ने एटा से आशीष और मथुरा से ओमप्रकाश सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था. जबकि सपा ने एटा से उदयवीर सिंह और मथुरा से राकेश यादव को प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव मे सपा और भाजपा में सीधी टक्कर थी. इस चार जिलों की सीट पर 5811 मतदाता हैं, जो वोटिंग कर अपना निर्णय देते. लेकिन इससे पूर्व सपा के दोनों प्रत्याशियों सहित एक निर्दलीय प्रत्याशी के पर्चे तकनीकी खामियों के कारण खारिज हो गए, जिसके बाद आशीष यादव और ओमप्रकाश सिंह निर्विरोध निर्वाचित हो गए.
बदायूं से बागीश पाठक जीते
MLC निर्वाचन में बदायूं से भाजपा के बागीश पाठक निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए जा चुके हैं. यहां पर समाजवादी पार्टी से अधिकृत प्रत्याशी सिनोद कुमार शाक्य ने अपना नाम वापस ले लिया था. बदायूं में केवल 2 लोगों ने ही पर्चे जमा किये थे और भाजपा के एकमात्र प्रत्याशी ही निर्वाचन में होने के कारण बागीश पाठक को निर्वाचित घोषित कर दिया गया. भाजपा ने जहां पूर्व विधायक प्रेम स्वरूप पाठक के पुत्र और 2014 में भाजपा से लोकसभा प्रत्याशी रहे बागीश पाठक को एमएलसी पद का प्रत्याशी बनाया था, तो वहीं समाजवादी पार्टी ने मौर्य शाक्य वर्ग के बड़े नेता और दो बार विधायक रहे सिनोद कुमार शाक्य पर दांव लगाया. इस वजह से इस चुनाव को बहुत ही रोमांचक माना जा रहा था. लेकिन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नामांकन वापस लेकर भाजपा प्रत्याशी की राह आसान कर दी.
बांदा से बीजेपी से जितेंद्र सिंह सेंगर चुने गए
यूपी के बांदा-हमीरपुर एमएलसी चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र सिंह सेंगर ने निर्विरोध एमएलसी चुन लिए गए हैं. बांदा-हमीरपुर एमएलसी चुनाव में 8 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था, लेकिन स्क्रूटनी में 5 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज हो गए थे. जिसके बाद भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र सिंह सेंगर, सपा जितेंद्र आनंद त्रिपाठी और एक निर्दलीय प्रत्याशी अतुल कुमार कुल मिलकर 3 एमएलसी प्रत्याशी चुनाव मैदान मे थे. लेकिन नामांकन वापसी के दिन सपा प्रत्याशी आनंद और निर्दलीय अतुल कुमार ने पर्चा वापस ले लिया था. जिससे उसी दिन भाजपा एमएलसी प्रत्याशी जितेंद्र सिंह सेंगर ने निर्विरोध एमएलसी चुन लिए गए थे.
हरदोई से अशोक अग्रवाल बने MLC
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थानीय निकाय की विधान परिषद सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अशोक अग्रवाल निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. एमएलसी की सीट पर भारतीय जनता पार्टी से अशोक अग्रवाल और समाजवादी पार्टी से रजीउद्दीन ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए थे. 22 मार्च को नामांकन वापसी की तिथि पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रजीउद्दीन ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया था. जिसके बाद अशोक अग्रवाल का का अकेला नामांकन दाखिल होने की वजह से उनको निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था. अशोक अग्रवाल के भाई राजकुमार अग्रवाल भी इसी सीट से एक बार लोकतांत्रिक कांग्रेसी और एक बार समाजवादी पार्टी से एमएलसी चुने गए थे, जबकि पिछले चुनाव में वह बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे. लेकिन सपा के मिसबाहुद्दीन से चुनाव हार गए थे. इस बार बीजेपी ने राजकुमार अग्रवाल के भाई अशोक अग्रवाल पर दांव लगाया था जबकि समाजवादी पार्टी ने मिसबाहुद्दीन के बेटे रेजिउद्दीन को अपना उम्मीदवार बनाया था.
बुलंदशहर से नरेंद्र भाटी निर्वाचित
बुलंदशहर-गौतमबुद्ध नगर विधान परिषद सदस्य की सीट से भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र भाटी निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं. जिला निर्वाचन अधिकारी ने उनको जीत का प्रमाण पत्र पहले ही सौंप दिया था. नरेंद्र भाटी के बारे में बात करें तो नरेंद्र भाटी गौतमबुद्ध नगर के बोड़ाकी गांव के निवासी हैं. भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से पहले नरेंद्र भाटी समाजवादी पार्टी में थे. समाजवादी पार्टी में वह सिकंदराबाद विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे हैं और मुलायम सिंह के कार्यकाल में एक बार दर्जा प्राप्त मंत्री भी रहे हैं. इससे पहले नरेंद्र भाटी इसी सीट से सपा से एमएलसी थे, लेकिन जैसे ही विधान परिषद का चुनाव आया. वे पाला बदल लिया और भाजपा में शामिल हो गए. इस सीट पर 4 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था, जिसमें सपा आरएलडी गठबंधन से पार्टी प्रत्याशी सुनीता शर्मा ने पर्चा दाखिल किया था और दो अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी पर्चा दाखिल किया था, लेकिन स्क्रूटनी के दौरान और नाम वापस लेने के समय पर दो निर्दलीय प्रत्याशियों का नामांकन तो त्रुटि होने के कारण निरस्त हो गया और सुनीता शर्मा आरएलडी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस ले लिया.
लखीमपुर-खीरी अनूप गुप्ता निर्विरोध निर्वाचित
लखीमपुर-खीरी भाजपा के अनूप गुप्ता एमएलसी पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. लखीमपुर खीरी जिले के ओयल कस्बे के रहने वाले अनूप गुप्ता छात्र राजनीति से ही भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं. अनूप गुप्ता भारतीय जनता पार्टी के पिछले 4 साल से प्रदेश महामंत्री हैं. इस सीट पर 4 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा था, जिसमें समाजवादी पार्टी के अनुराग पटेल, बीजेपी से अनूप गुप्ता और दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया था. इस दौरान दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों ने तो अपना नाम वापस ले लिया था. इसके बाद मैदान में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अनुराग पटेल और बीजेपी प्रत्याशी अनूप गुप्ता ही रह गए थे. बीजेपी प्रत्याशी अनूप गुप्ता ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अनुराग पटेल के खिलाफ जिला निर्वाचन अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह को प्रार्थना पत्र दिया था., जिसके मुताबिक सपा प्रत्याशी ने जो एफिडेविट हलफनामा दिया, उसको बनाने वाले नोटरी का रजिस्ट्रेशन वैद्य नहीं है. जिसका संज्ञान लेते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अनुराग पटेल का पर्चा खारिज कर दिया था. जिसके बाद बीजेपी के प्रत्याशी अनूप गुप्ता निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे.
कुमार अभिषेक / उदय गुप्ता