दलित शब्द का इस्तेमाल न करने के आदेश के खि‍लाफ SC जाएंगे अठावले

मीडिया द्वारा दलित शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने के बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच से जारी फैसले के बाद राजनीति गर्मा गई है.  रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है. 

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रामदास अठावले(फाइल फोटो) रामदास अठावले(फाइल फोटो)

राहुल झारिया

  • नई दिल्‍ली,
  • 05 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST

केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि उनकी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया बॉम्बे हाई कोर्ट(नागपुर बेंच) के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी, जिसमें सरकार से मीडिया द्वारा दलित शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने की बात कही गई है.

बता दें कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने न्यूज़ चैनलों को एक एडवाइजरी जारी करते हुए 'दलित' शब्द इस्तेमाल करने से बचने का आग्रह किया है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एडवाइजरी में बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर बेंच का हवाला देते हुए ये एडवाइजरी जारी की थी.

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इससे पहले अठावले ने कहा था कि 'दलित' शब्द इस्तेमाल करने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि दलित शब्द का इस्तेमाल न करने के आदेश पर दोबारा विचार करना चाहिए. अठावले ने कहा कि वे सरकार के आदेश का समर्थन करते हैं,  लेकिन बोलचाल की भाषा में दलित कहने पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

अठावले के मुताबिक, सरकारी रिकॉर्ड में तो शेड्यूल कास्ट कहा जाता है. सरकारी कार्य में दलित शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. लेकिन बोलने में तो लोग दलित ही बोलते हैं.  

अठावले ने कहा कि हमने दलित संगठन बनाया था. समाज में जो भी इकोनॉमिक सोशली बैकवर्ड लोग हैं उनको दलित बोलना चाहिए, इसलिए मुझे लगता है कि सरकारी रिकॉर्ड में तो दलित शब्द का इस्तेमाल न करें, लेकिन बात करने, लिखने में दलित शब्द के इस्तेमाल में कोई दिक्कत नहीं है.

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रामदास अठावले ने कहा कि जो व्यापक शब्द है उस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए. केवल शेड्यूल कास्ट के लिए दलित बोलना ठीक नहीं है. जो गरीब, पिछड़े लोग हैं उनके लिए दलित शब्द का इस्तेमाल किया जाए. इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, लेकिन शेड्यूल कास्ट के लिए दलित शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. यह सरकार का सोचना है. उसका मैं स्वागत करता हूं.

सवर्णों के आंदोलन पर क्या बोले अठावले?

वहीं सवर्णों के आंदोलन पर रामदास अठावले ने कहा कि सभी दल के नेताओं ने दलितों पर होने वाले अत्याचार को लेकर 1989 में रोकथाम के लिए कानून बनाया था. अठावले ने सवर्णों से अपील करते हुए कहा कि  इसका गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. हम भी नहीं चाहते कि इसका गलत इस्तेमाल हो.

उन्होंने कहा कि सवर्णों को आंदोलन नहीं करना चाहिए. मेरी अपील है कि सभी लोग बैठकर इसका समाधान निकालें. आंदोलन करने से कोई फायदा नहीं होगा.

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