खतना के खिलाफ बोहरा समाज की मुस्लिम महिलाओं ने मोदी को लिखा पत्र

दाऊदी बोहरा समाज की कई महिलाएं इस हफ्ते एक अभियान शुरू करने के लिए एक साथ आई हैं. इस अभियान के जरिए उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से महिला जननांग विकृति (Female Genital Mutilation) को अवैध घोषित करने की मांग की.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

केशवानंद धर दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:57 AM IST

दाऊदी बोहरा समाज की कई महिलाएं इस हफ्ते एक अभियान शुरू करने के लिए एक साथ आई हैं. इस अभियान के जरिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महिला जननांग विकृति (Female Genital Mutilation) को अवैध घोषित करने की मांग की.

19 नवंबर को बाल दुर्व्यवहार निवारण के लिए विश्व दिवस पर 'WeSpeakOut' के बैनर के तहत ऑनलाइन अभियान स्टार्ट किया गया था.

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बता दें कि भारत में एंटी एफजीएम कानून नहीं है, ऐसे में कई देशों के विपरीत यह प्रथा प्रचलित है, यह पत्र आग्रह करता है कि सरकार  राज्य सरकारों को कम से कम एडवाइजरी जारी करें. बोहरा समाज के लिए मौजूदा आईपीसी और पीओसीएसओ प्रावधानों के अंतर्गत एफजीएम को एक अपराध घोषित किया जाए.

क्यों शुरू किया अभियान?

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को पहले महिला और बाल विकास मंत्रालय ने उठाया था, जिसने इस पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया था. लेकिन मंत्रालय की चुप्पी के बाद, अब अभियान शुरू कर दिया गया है.  'एफजीएम यौन हिंसा का एक रूप है, जिसके गहरे भावनात्मक, यौन और शारीरिक परिणाम हैं. यह समय इसे समाप्त करने का है, क्योंकि ये महिलाओं और लड़कियों के दर्द का कारण है.'

अवैध है एफजीएम

आंदोलन की अगुवाई कर रही महिलाओं में से एक महिला मासूमा राणालवी ने कहा, 'हम प्रधानमंत्री को राज्य सरकारों और सैयदना के उद्देश्य से एक बयान जारी करने का अनुरोध करते हैं, जिसमें कहा गया है कि यह अवैध है, ताकि खत्म हो जाए.'

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