'PM मंदिरों में समय बिता रहे हैं, इससे मुझे परेशानी होती है, मैं चाहूंगा कि...', बोले कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने कहा कि धर्म निजी विषय है, इसका राष्ट्रीयकरण मत करिए.राजनीतिक फायदे के लिए इसका इस्तेमाल मत करिए. उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री अपना समय मंदिरों में समय बिता रहे हैं. इससे मुझे परेशानी होती है.

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इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चल रही हलचलों को लेकर कहा है कि देश में धर्म को बहुत ज्यादा अहमियत दी जा रही है और वे इस बात को लेकर चिंतित हैं. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने कहा कि जब पूरा देश राम मंदिर और राम जन्मभूमि पर अटका हुआ है. तो यह ट्रेंड वास्तव में मुझे परेशान करता है.

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री अपना सारा समय मंदिरों में ही दिखता है. इससे मुझे चिंता होती है. इसके बदले मैं ये चाहूंगा कि वे स्कूल जाएं, पुस्तकालय जाएं, विज्ञान के केंद्र जाएं और बार बार मंदिरों का दौरा न करें.

धर्म निजी आस्था का मसला

प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि मैं देख रहा हूं कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को कम किया जा रहा है. जब 10 सालों तक देश का प्रधानमंत्री रह चुका शख्स प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करता है तो मुझे चिंता होती है. मुझे इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि हम गलत दिशा में जा रहे हैं.  

धर्म को परिभाषित करते हुए पित्रोदा ने कहा कि धर्म निजी आस्था का मसला है. इसे राष्ट्रीय एजेंडा नहीं बना देना चाहिए. देश का एजेंडा शिक्षा, रोजगार, विकास, इकोनॉमी, महंगाई, स्वास्थ्य, पर्यावरण और प्रदूषण होना चाहिए. इन्हीं मूल्यों और आदर्शों पर आप एक आधुनिक राष्ट्र बनाते हैं, मुझे इससे मतलब नहीं है कि आप किस धर्म को मानते हैं. 
 
जब देश राम मंदिर और राम जन्मभूमि में अटक जाता है...

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देश में दूरसंचार क्रांति की बुनियाद रखने का श्रेय पाने वाले सैम पित्रोदा ने कहा कि आप जो हैं इसके लिए मैं आपका सम्मान करूंगा, इसलिए नहीं की आप किस धर्म को मानते हैं. मैं इस बात को नहीं तय करूंगा कि आप क्या खाएं, या आप किसकी पूजा करते हैं, ये आपकी व्यक्तिगत आजादी है. और जब पूरा देश राम मंदिर और राम जन्मभूमि में अटक जाता है तो ये सचमुच में मुझे चिंतित करता है. धर्म निजी विषय है, इसका राष्ट्रीयकरण मत करिए.राजनीतिक फायदे के लिए इसका इस्तेमाल मत करिए. उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री हर समय मंदिरों में समय बिता रहे हैं. इससे मुझे परेशानी होती है, मैं चाहूंगा कि वह स्कूलों, पुस्तकालयों और वैज्ञानिक संस्थानों में जाए और बहुत सारे मंदिरों में न जाए..."

2024 से उम्मीदें

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अगले आम चुनाव से उम्मीदों को लेकर कहा कि 2024 के चुनाव बेहद अहम हैं. हम चौराहे पर हैं, और भारत के लोगों को यह तय करना होगा कि वे किस प्रकार का राष्ट्र बनाना चाहते हैं. क्या वे एक हिंदू राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं या वे एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जो वास्तव में धर्मनिरपेक्ष और स्थानीय हो, जहां समावेशी विकास हो और जहां विविधता और स्थिरता पर ध्यान दिया जाए.

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