'ब्रह्मोस की ताकत आपने ऑपरेशन सिंदूर में देखी होगी, नहीं देखी तो किसी पाकिस्तानी से पूछ लेना', गरजे CM योगी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज देश की सैन्य शक्ति को और मजबूती देने वाला ऐतिहासिक दिन रहा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअल माध्यम से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन किया. यह यूनिट यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत तैयार की गई है. इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान और आतंकवाद पर बेहद कड़े शब्दों में बयान दिया. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अभी आपने ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत की एक झलक देखी होगी. और अगर नहीं देखी तो किसी पाकिस्तानी से पूछ लेना कि ब्रह्मोस मिसाइल का असर क्या होता है.

Advertisement
ब्रम्होस्त्र मिसाइल के साथ CM योगी आदित्यनाथ ब्रम्होस्त्र मिसाइल के साथ CM योगी आदित्यनाथ

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 11 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:47 PM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस इंड्यूटियल कॉरिडोर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट का वर्जुअली उद्घाटन किया. इस दौरान कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल थे. इस यूनिट को हर साल 80 से 100 मिसाइलों के प्रोडक्शन के लिए डिजाइन किया गया है.

इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि आतंकवाद कुत्ते की पूंछ है, जो कभी सीधी नहीं होगी. उसको उसी भाषा में जवाब देना होगा. हमने ब्रह्मोस मिसाइल के लिए दो सौ एकड़ जमीन दी. अब यहां ब्रह्मोस बनना शुरू होगा. ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत आपने ऑपरेशन सिंदूर में देखी होगी, अगर नहीं देखी तो पाकिस्तान वालों से पूछ लो कि ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत क्या है?

Advertisement

उन्होंने कहा कि आतंकवाद के प्रति प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि कोई भी आतंक घटना अब युद्ध मानी जाएगी और याद रखना आतंकवाद को जब तक हम पूरी तरह कुचलेंगे नहीं, तब तक समस्या का समाधान नहीं होगा. अब समय आ गया है इसको कुचलने के लिए हम सभी को एक स्वर से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरे भारत को पूरे उत्तर प्रदेश को मिलकर अभियान के साथ जुड़ना होगा.

उन्होंने कहा कि आतंकवाद कुत्ते की पूंछ है, जो कभी सीधी नहीं होने वाली. जो प्यार की भाषा मानने वाले नहीं हैं, उनको उनकी भाषा में जवाब देने के लिए तैयार होना होगा. इस दिशा में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दुनिया को एक संदेश दे दिया है.

यह भी पढ़ें: 'भारतीय सेना की धमक रावलपिंडी तक पहुंची, जहां पाकिस्तानी आर्मी का हेडक्वार्टर है', 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बोले राजनाथ सिंह

Advertisement

लखनऊ में शुरू की गई एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी से हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइलों का उत्पादन किया जाएगा. इसके अलावा हर साल 100 से 150 Next Generation की ब्रह्मोस मिसाइलों का भी निर्माण किया जाएगा. ये मिसाइलें एक साल के अंदर तैयार कर दी जाएंगी.

अभी तक सुखोई जैसे लड़ाकू विमान सिर्फ एक ब्रह्मोस मिसाइल ही ले जा सकते हैं, लेकिन अब वे Next Generation की तीन ब्रह्मोस मिसाइलें ले जा सकेंगे. Next Generation की ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर से अधिक होगी और इसका वजन 1,290 किलोग्राम होगा, जबकि वर्तमान ब्रह्मोस मिसाइल का वजन 2,900 किलोग्राम है.

लखनऊ में 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह प्रोडक्शन यूनिट ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण करेगी, जिसकी मारक क्षमता 290 से 400 किलोमीटर है और इसकी अधिकतम गति मैक 2.8 है. भारत और रूस के संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित इस मिसाइल को जमीन, समुद्र या हवा से लॉन्च किया जा सकता है. यह 'फायर एंड फॉरगेट' गाइडेंस सिस्टम को फॉलो करती है.

यह भी पढ़ें: ब्रह्मोस के बाद अब इस देश को पसंद आया भारत का दूसरा मिसाइल सिस्टम... ताकत देख हैरान

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 के वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के दौरान रक्षा औद्योगिक कॉरिडोर पहल के हिस्से के रूप में प्रोडक्शन यूनिट की घोषणा की गई थी. इसके बाद साल 2021 में इसकी आधारशिला रखी गई थी. ब्रह्मोस मिसाइलें भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई हैं और इन्हें भारत के डिफेंस सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.

Advertisement

इसी कार्यक्रम में टाइटेनियम और सुपर अलॉयज मैटीरियल प्लांट (स्ट्रैटेजिक मैटीरियल टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स) का भी शुभारंभ किया गया. इसमें एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का प्रोडक्शन जाएगा. इसके अलावा रक्षा परीक्षण अवसंरचना सिस्टम (डीटीआईएस) की आधारशिला रखी गई. डीटीआईएस का उपयोग रक्षा उत्पादों के परीक्षण और प्रमाणन के लिए किया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराई गई 80 हेक्टेयर भूमि पर निर्मित ब्रह्मोस प्रोडक्शन यूनिट साढ़े तीन वर्षों में पूरी हुई.

यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में छह नोड हैं, जिनमें लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट शामिल है. इसका उद्देश्य प्रमुख रक्षा निवेशों को आकर्षित करना है. तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा कॉरिडोर स्थापित करने वाला दूसरा राज्य है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement