दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद कर्नाटक में लंबे समय से चली आ रही सत्ता की खींचतान अब सुलझती दिख रही है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच शनिवार को बेंगलुरु में अहम बैठक हुई. दोनों नेताओं ने सीएम आवास पर ब्रेकफास्ट मीटिंग की. इस बैठक को कर्नाटक की सत्ता राजनीति के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है.
कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे ने कहा है कि कांग्रेस ने सही समय पर दखल देकर मामले को संभाल लिया है. उन्होंने इसे पार्टी नेतृत्व की ‘टाइमिंग की समझ’ बताया. वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने साफ कहा है कि हाईकमान की ओर से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है. इससे साफ संकेत मिल रहा है कि फिलहाल सीएम बदलने का कोई फैसला नहीं हुआ है.
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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि वे और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पूरी तरह से पार्टी हाईकमान के फैसलों का सम्मान करते हैं. उन्होंने बताया कि आज उनकी और मुख्यमंत्री की नाश्ते पर मुलाकात हुई और आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री उनके घर लंच या डिनर पर भी आएंगे. डीके शिवकुमार ने कहा कि दोनों ने मिलकर काम किया है, कार्यकर्ताओं और कर्नाटक की जनता ने उन्हें भारी जनादेश दिया है और जनता से किए गए हर वादे को पूरा करना उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि 2028 की रणनीति और 8 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर भी चर्चा हुई है और विपक्ष का सामना करने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है. नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने दोहराया कि जो भी निर्णय पार्टी हाईकमान लेगा, वही स्वीकार होगा. उन्होंने भरोसा जताया कि 2028 में कर्नाटक में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी और 2029 में भी पार्टी आगे बढ़ेगी.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, 'नाश्ता अच्छा था. मैं, डिप्टी सीएम और पोनन्ना ने साथ में नाश्ता किया. हमने इस दौरान कोई खास बातचीत नहीं की. डीके घर आए और हमने साथ में नाश्ता किया. वेणुगोपाल ने परसों फोन करके डीके शिवकुमार को नाश्ते के लिए बुलाने को कहा था. दरअसल, डीके ने मुझे नाश्ते के लिए अपने घर बुलाया था. हालांकि, यह बैठक मेरे घर पर तय हुई. हमारी मुलाकात का मकसद भ्रम खत्म करना था. हम दोनों साथ बैठे और बातचीत की. 2028 का इलेक्शन और स्थानीय निकाय चुनाव हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं. मैं और डीके, जैसे हमने विधानसभा चुनावों के दौरान साथ मिलकर काम किया था, वैसे ही आगे भी साथ काम करेंगे. हमारे बीच पहले भी कोई मतभेद नहीं थे, न अब हैं और न भविष्य में होंगे. 8 तारीख से बेलगावी सत्र शुरू होगा और हम विपक्ष का सामना करेंगे. हमने विपक्ष से निपटने की रणनीति तैयार कर ली है. उन्होंने कहा है कि वे अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे. हम 140 हैं और वे 42. दोनों, जेडीएस और बीजेपी मिलकर भी 82 होते हैं. वे कुछ नहीं कर सकते. हमने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं कि हाईकमान जो भी निर्देश देगा, हम उसके फैसले का पालन करेंगे. क्योंकि हमारा विधानसभा सत्र है, इसलिए हाईकमान ने कहा कि उससे पहले इस मुद्दे को सुलझा लिया जाए. यह सब सिर्फ मीडिया द्वारा पैदा किया गया भ्रम था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने भ्रम की स्थिति पैदा की है. विधायक कैबिनेट में स्थान पाने के लिए दिल्ली गए थे. इसका मतलब यह नहीं है कि वे नेतृत्व के खिलाफ हैं. उनमें से कुछ ने तो हमसे यह भी कहा कि वे कैबिनेट के लिए ही गए थे. हम हाईकमान के निर्देशों के अनुसार ही काम करेंगे.' 2.5 साल के समझौते पर उन्होंने कहा, 'हाईकमान जो भी कहेगा, हम उसी का पालन करेंगे.'
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने नाश्ते पर हुई मुलाकात को लेकर कहा, 'आप सभी के सहयोग से हमारी कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है. जनता से किए गए वादों को पूरा करना हमारा कर्तव्य है. हाईकमान ने जो भी निर्णय लिया है, हम उसी के अनुसार काम कर रहे हैं. राजनीतिक तौर पर हमारा निर्णय एक ही है- हाईकमान जो भी निर्देश देगा, हम उसे आगे बढ़ाएंगे. यहां किसी तरह की गुटबाजी नहीं है. हम दोनों ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की है. सांसद राज्य के हितों में मदद नहीं कर रहे हैं. हम दिल्ली जाकर सांसदों के साथ इन मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.'
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आवास पर पहुंच गए हैं, जहां दोनों नेताओं के बीच नाश्ते पर अहम मुलाकात हो रही है. सिद्धारमैया ने कहा, 'जो पार्टी बोलेगी, वही करूंगा.' बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद डीके शिवकुमार दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार आज दोपहर दिल्ली रवाना हो सकते हैं और शाम को मेकदातु परियोजना को लेकर एक अहम बैठक करने की संभावना है. वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कांग्रेस हाईकमान से औपचारिक बुलावे के बाद ही दिल्ली जाएंगे.
कर्नाटक में चल रही सियासी खींचतान के बीच गुरुवार शाम बड़ा घटनाक्रम सामने आया, जब के. सी. वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दोनों को फोन कर सख्त संदेश दिया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर तंज कसना कांग्रेस की संस्कृति नहीं है और दिल्ली आने से पहले आपसी मतभेद सुलझाएं. वेणुगोपाल ने दोनों नेताओं से कहा कि जल्द ही उन्हें दिल्ली बुलाया जाएगा, जहां एक ही टेबल पर बैठकर सभी मतभेदों पर चर्चा होगी. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी की एकता सबसे अहम है और अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान ही लेगा, इसलिए आपस में टकराव से बचें और निर्णय पार्टी पर छोड़ दें.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार आज शनिवार को बेंगलुरु में आमने-सामने बैठक करेंगे. यह बैठक सुबह 9:30 बजे मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘कावेरी’ में नाश्ते पर होगी. इस मुलाकात को दिल्ली हाईकमान के संकेत के बाद सत्ता के भीतर चल रही खींचतान के समाधान की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है.
प्रियंक खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने सही समय पर हस्तक्षेप कर हालात संभाल लिए हैं और यही पार्टी की ‘टाइमिंग की समझ’ है. वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने साफ किया कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर हाईकमान की ओर से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है, जिससे संकेत मिलता है कि फिलहाल सीएम बदलने पर कोई फैसला नहीं हुआ है.