वडनगर में बनेगा वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट प्लेस, जिस स्कूल में पढ़े PM मोदी, उसे बनाया जाएगा इंस्पिरेशनल डेस्टिनेशन

गुजरात के वडनगर को पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म करने की तैयारी की जा रही है. केंद्र सरकार इसे लेकर एक बड़ी योजना लेकर आई है, जिसे जल्द ही यहां लागू किया जाएगा. इसके तहत जिस स्कूल में पीएम मोदी पढ़े हैं, उसे इंस्पिरेशनल डेस्टिनेशन बनाया जाएगा. बता दें कि यह स्कूल 19वीं शताब्दी का है.

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वडनगर स्टेशन (फाइल फोटो) वडनगर स्टेशन (फाइल फोटो)

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2023,
  • अपडेटेड 4:43 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहनगगर वडनगर को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी योजना लाई है. इस स्कीम के तहत चार चरणों में वडनगर का विकास किया जाएगा. डेवलपमेंट के तहत वडनगर को वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट प्लेस बनाने की तैयारी है. यहां एक बड़ा म्यूजियम तैयार किया जाएगा. वडनगर के जिस स्कूल में पीाएम मोदी ने पढ़ाई की थी, वह 19वीं शताब्दी का है. इसलिए उस स्कूल को इंस्पिरेशनल डेस्टिनेशन बनाने की तैयारी की जा रही है.

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इसे प्रेरणा नाम दिया गया है. तय योजना के मुताबिक देशभर से बच्चों को यहां लाया लाएगा और उन्हें प्रेरणादायक चीजें बताई जाएंगी. बता दें कि वडनगर की खुदाई में अब तक ढाई हजार साल का सिविलाइजेशन मिल चुका है. यहां का वर्णन महाभारत, पुराण और ग्रंथों में भी मिलता है.

इससे पहले साल 2017 में वडनगर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, 'आज मैं जो कुछ भी हूं इसी मिट्टी के संस्कारों के कारण हूं. इसी मिट्टी में खेला हूं, आप ही के बीच में पला बढ़ा हूं.' वडनगर को लेकर प्रधानमंत्री जब भी बात करते हैं तो भावुक हो जाते हैं. पुरानी यादों में खोकर वो उस दौर में पहुंच जाते हैं जब बचपन के 12 सालों तक वो इस रेलवे प्लेटफॉर्म पर अपने पिता के साथ चाय बेचा करते थे.

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वडनगर और पीएम मोदी की कहानी..

वडनगर रेलवे स्टेशन के पुराने प्लेटफॉर्म पर प्रधानमंत्री मोदी के पिता की चाय दुकान है. जिस पर मोदी अपने पिता का हाथ बंटाया करते थे. लेकिन आज के प्रधानमंत्री अपने लड़कपन में जहां चाय बेचा करते थे, उसकी सूरत अब पूरी तरीके से बदल गई है. अब इसे एक शानदार रेलवे स्टेशन का रूप दिया जा चुका है. चाय की वो दुकान आज भी वडनगर रेलवे स्टेशन पर देखी जा सकती है.

वडनगर का इतिहास 2500 साल पुराना

वडनगर ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है. जिसका इतिहास 2500 साल पुराना माना जाता है. 7वीं शताब्दी में भारत आए चीनी यात्री ह्वेन त्सांग के यात्रा विवरण में भी वडनगर का उल्लेख मिलता है. वडनगर में बौद्ध धर्म का भी प्रभाव था और यहां जैन गुफाएं और सोलंकी शासकों के बनवाए स्मारक भी हैं. लेकिन आज रेलवे स्टेशन की 'मोदी टी स्टॉल' भी यहां काफी फेमस है.

चाय की दुकान से RSS की शाखा

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी की इस चाय की दुकान पर वडनगर में RSS की शाखा चलाने वाले वकील साहब आया करते थे. मोदी उनके संपर्क में आए और 8 साल में बाल स्वयंसेवक बन गए. इसके बाद संघ से बीजेपी में होते हुए पहले गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचे और फिर पहले 2014 में फिर 2019 में दूसरी बार देश की कमान संभाली. लेकिन प्रधानमंत्री अपना शहर नहीं भूले और उसे योजनाओं की सौगात देते रहे.

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