स्वाति मालीवाल से मारपीट का मामला: कोर्ट ने विभव कुमार को 4 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोपी विभव कुमार की पुलिस हिरासत की अवधि खत्म होने से पहले दिल्ली पुलिस ने उन्हें तीस हजारी कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने विभव कुमार को चार दिनों यानी 28 मई तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

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विभव कुमार (फाइल फोटो) विभव कुमार (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2024,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोपी विभव कुमार की पुलिस हिरासत की अवधि खत्म होने से पहले दिल्ली पुलिस ने उन्हें तीस हजारी कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने विभव कुमार को चार दिनों यानी 28 मई तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने के आरोप में विभव कुमार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने चार दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. विभव कुमार 28 मई तक तिहाड़ जेल में रहेंगे. विभव के वकील ने एक बार फिर इस केस में आरोपी की गिरफ्तारी की जरूरत पर सवाल खड़ा किया. इस दलील के साथ विभव के वकील ने अरनेश कुमार मामले में दी गई कोर्ट की गाइड लाइन का हवाला भी दिया.

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28 मई तक तिहाड़ में रहेंगे विभव कुमार

कोर्ट ने विभव कुमार को चार दिनों की न्यायिक हिरासत में 28 मई तक तिहाड़ जेल भेज दिया. इस आदेश से पहले दिल्ली पुलिस ने कहा कि अदालत के निर्देशों के अनुसार हमने परिवार के सदस्यों और वकील को विभव से मिलने की अनुमति दी थी.

विभव के वकील ने कहा कि न्यायिक हिरासत या पुलिस हिरासत दोनों ही आरोपी की स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं. किसी भी चीज़ की मांग उचित होनी चाहिए. विभव के वकील ने कहा कि न्यायिक हिरासत 14 दिन की होती है. लेकिन पुलिस 4 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग कर रही है.

पुलिस ने मांगी न्यायिक हिरासत

विभव के वकीलों ने किसी भी तरह की रिमांड का विरोध करते हुए कहा कि 14 दिन की रिमांड क्यों नहीं मांगी. पुलिस के वकील ने कहा कि ये जांच एजेंसी के ऊपर है कि वो कितने दिन की रिमांड मांगे. विभव को पेश करने के बाद पुलिस ने विभव को न्यायिक हिरासत में भेजने की गुहार कोर्ट से लगाई. पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में कहा कि अब विभव की पुलिस हिरासत की ज़रूरत नहीं है.

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एफआईआर में शामिल ये धाराएं

एफआईआर में पुलिस ने विभव कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या की कोशिश), 323 (मारपीट करना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 (शीलभंग की नीयत से हमला), 354B (महिला को निर्वस्त्र करने की कोशिश), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (महिला के शील हरण की कोशिश) लगई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील अनुराग किशोर की मानें तो ये अपराध गंभीर हैं. इसमें जुर्म साबित होने पर कड़ी सजा मिलनी तय है.

'विभव ने मुझे 7-8 थप्पड़ मारे'

एक दिन पहले न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में स्वाति ने अपने साथ हुई मारपीट के बारे में बताया. उन्होंने कहा, 'मैं 13 मई को सुबह 9 बजे के करीब अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गई थी. मुझे वहां स्टाफ ने ड्रॉइंग रूम में बिठाया और बताया कि अरविंद जी घर पर हैं और वह मुझसे मिलने आ रहे हैं. उतने में विभव कुमार जो उनके पीएस थे, वो वहां पर धनधनाते हुए आते हैं. मैंने उनसे बोला भी कि क्या हुआ, अरविंद जी आ रहे हैं, क्या हो गया. इतने में ही उन्होंने हाथ छोड़ दिया.'

स्वाति ने कहा, 'उन्होंने (विभव ने) मुझे 7-8 थप्पड़ पूरी जोर से मारे. जब मैंने उन्हें पुश करने की कोशिश की तो उन्होंने मेरा पैर पकड़ लिया और मुझे नीचे घसीट दिया, उसमें मेरा सिर सेंटर टेबल से टकराया. मैं नीचे गिरी और फिर उन्होंने मुझे लातों से मारना शुरू किया. मैं बहुत जोर-जोर से चीख-चीखकर हेल्प मांग रही थी लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया.'

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