फैक्ट चेक: पुलिस कार्रवाई की आठ साल पुरानी तस्वीर, किसानों की ट्रैक्टर रैली से जोड़कर हुई वायरल

गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस और किसानों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर में एक व्यक्ति जमीन पर गिरा हुआ देखा जा सकता है और उसके आसपास कुछ पुलिसकर्मी हाथ में लाठी लिए हुए नजर आ रहे हैं. व्यक्ति के पास एक नीली रंग की पगड़ी पड़ी हुई है और ऐसा लग रहा है कि उस व्यक्ति और पुलिस के बीच झड़प हुई है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये तस्वीर 26 जनवरी को दिल्ली में पुलिस और किसान आंदोलनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प की है.
सच्चाई
तस्वीर मई 2013 की है जब दिल्ली में सिख समुदाय के कुछ लोगों की पुलिस से झड़प हो गई थी.

अर्जुन डियोडिया

  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:49 PM IST

गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस और किसानों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर में एक व्यक्ति जमीन पर गिरा हुआ देखा जा सकता है और उसके आसपास कुछ पुलिसकर्मी हाथ में लाठी लिए हुए नजर आ रहे हैं. व्यक्ति के पास एक नीली रंग की पगड़ी पड़ी हुई है और ऐसा लग रहा है कि उस व्यक्ति और पुलिस के बीच झड़प हुई है. तस्वीर को किसान आंदोलन और 26 जनवरी को दिल्ली में हुई ट्रैक्टर रैली से जोड़ा जा रहा है. कुछ लोग तस्वीर पोस्ट करते हुए आरएसएस (RSS) पर भी निशाना साध रहे हैं.

Advertisement

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. ये तस्वीर मई 2013 की है जब दिल्ली में सिख समुदाय के कुछ लोगों की पुलिस से झड़प हो गई थी.

इस तस्वीर को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं, "तड़ीपार गैंग वाले ऐसे अंदर घुसकर हिंसा फैलाते है और नाम बदनाम दुसरो का होता है और ये सुपारी तड़ीपार अपने प्यादों को देता है जिसकी सच्चाई इस फोटो में देखे।  #किसान_आंदोलन_जारी_रहेगा #किसान_एकता_जिंदाबाद". ये तस्वीर फेसबुक पर हजारों में शेयर हो चुकी है. तस्वीर को किसान आंदोलन का बताकर ट्विटर पर भी पोस्ट किया जा रहा है. पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

रिवर्स करने पर ये तस्वीर हमें Getty Images की वेबसाइट पर मिली. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, इसे 5 मई 2013 को नई दिल्ली में खींचा गया था. उस समय कांग्रेस के पूर्व नेता और 1984 में सिख विरोधी दंगे के दोषी सज्जन कुमार को कोर्ट ने बरी कर दिया था. इसी को लेकर सिख समुदाय ने नाराजगी जताते हुए दिल्ली में प्रदर्शन किया था.

Advertisement

हमें ये तस्वीर 5 मई 2013 को प्रकाशित हुई "डेली मेल" की एक रिपोर्ट में भी मिली. इसके अनुसार, सिख समुदाय के लोग कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमनोहन सिंह के घर तक मार्च निकालने की कोशिश कर रहे थे. इसी के चलते प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई थी. वायरल तस्वीर भी इसी वक्त खींची गई थी. हालांकि, 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को 1984 के दंगो का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि ये तस्वीर लगभग आठ साल से ज्यादा पुरानी है और इसका किसान आंदोलन से कोई नाता नहीं है. 

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement