Forbes 30 Under 30: अनाथ बच्‍चों के हक के लिए लड़ने वाली लखनऊ की पावि‍नी फोर्ब्‍स में शामिल

अपनी पुस्तक और जनहित याचिका के माध्यम से इनके द्वारा अनाथ बच्चों को शिक्षा और अन्य सुविधाओं में समान अवसर दिलवाने के लिए कई वर्षों से काम किया जा रहा है. इनके इस कार्य से कई राज्यों में अनाथ बच्चों की बेहतरी के लिए अनेक कदम उठाए गए...

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पौ‍लमी पावि‍नी लखनऊ पौ‍लमी पावि‍नी लखनऊ

तनसीम हैदर

  • लखनऊ,
  • 04 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

लखनऊ की बिटिया पौलोमी पाविनी शुक्ला को विश्व विख्यात पत्रिका फोर्ब्स ने भारत की 30 Under 30 सूची में सम्मिलित कर सम्मानित किया है. फोर्ब्स पत्रिका प्रति वर्ष 30 ऐसे व्यक्तियों की सूची जारी करती है, जो 30 वर्ष की आयु से कम हैं तथा अपने क्षेत्र में अति महत्वपूर्ण कार्य किया है.

पौलोमी पाविनी शुक्ला द्वारा अनाथ बच्चों की शिक्षा हेतु महत्वपूर्ण योगदान के लिए फोर्ब्स पत्रिका ने वर्ष 2021 की अपनी 30 Under 30 सूची में सम्मिलित किया है. सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता Poulomi Pavini ने भारत में अनाथ बच्चों की दुर्दशा पर वर्ष 2015 में "Weakest on Earth - Orphans of India" नामक पुस्तक अपने भाई के साथ मिलकर लिखी, जो जाने-माने प्रकाशन संस्‍थान Bloomsbury द्वारा प्रकाशित की गई.

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इसके उपरांत वर्ष 2018 में इन्होंने उच्चतम न्यायालय में अनाथ बच्चों के लिए जनहित याचिका भी दायर की. अपनी पुस्तक और जनहित याचिका के माध्यम से इनके द्वारा अनाथ बच्चों को शिक्षा और अन्य सुविधाओं में समान अवसर दिलवाने के लिए कई वर्षों से काम किया जा रहा है. इनके इस कार्य से कई राज्यों में अनाथ बच्चों की बेहतरी के लिए अनेक कदम उठाए गए, जिसके लिए पौलोमी पाविनी शुक्ला को कई राज्यों में सम्मानित भी किया जा चुका है.

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पौलोमी कहती हैं कि मुझे लगा कि अनाथ बच्चों की शिक्षा और सुविधाओं के लिए बहुत काम करना होगा. इसके लिए 2018 में उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर की है. अपनी किताब और जनहित याचिका के माध्यम से पौलोमी द्वारा अनाथ बच्चों को शिक्षा व अन्य सुविधाओं में समान अवसर दिलवाने हेतु कई वर्षों से कार्य किया जा रहा है. हालांकि वे कहती हैं कि जमीनी स्तर पर भी काम करने की जरूरत है और इसके लिए प्रयास जारी हैं.

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