ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी फेल्योर का एक और सबूत... श्रीनगर के डल झील में मिला फुस्स हुआ 'फतह-1' रॉकेट

श्रीनगर की डल झील में रविवार सफाई अभियान के दौरान पाकिस्तान के फतह-1 रॉकेट का खोल मिला. यह 10 मई को ऑपरेशन सिंदूर में दागा गया था, जो श्रीनगर सैन्य ठिकाने को निशाना बनाने में चूक गया. खोल को पुलिस को सौंप दिया गया है. इससे पाक हमले का सबूत मिला है.

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डल झील से निकाला गया पाकिस्तानी फतह-1 रॉकेट. (Photo: ITG) डल झील से निकाला गया पाकिस्तानी फतह-1 रॉकेट. (Photo: ITG)

अशरफ वानी

  • श्रीनगर,
  • 22 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

श्रीनगर की मशहूर डल झील में रविवार को एक सफाई अभियान के दौरान पाकिस्तान द्वारा दागे गए फतह-1 रॉकेट मिला. यह रॉकेट इस साल मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान झील में गिरा था. रक्षा सूत्रों के अनुसार यह हमला श्रीनगर के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए था, लेकिन चूक गया. बरामद राकेट के खोल को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है.

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ऑपरेशन सिंदूर क्या था?

ऑपरेशन सिंदूर भारत की सेना का एक बड़ा जवाबी कदम था. इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष भारतीयों पर कायराना हमला हुआ. इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ सटीक कार्रवाई की. यह ऑपरेशन सीमित लेकिन मजबूत था.

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सेना ने पाकिस्तानी ठिकानों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन युद्ध बढ़ाने की कोशिश नहीं की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि भारत ने कर्म देखकर मारा यानी गलत काम करने वालों को सजा दी, लेकिन संयम बरता.

इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान ने जवाबी हमला किया. 10 मई 2025 को फतह-1 रॉकेट दागा गया. यह पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 70-100 किमी दूर तक मार कर सकती है. लेकिन यह श्रीनगर के सैन्य केंद्र को निशाना बनाने में नाकाम रही.

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डल झील में क्या हुआ?

  • 10 मई का हमला: पाकिस्तानी रॉकेट डल झील के गहरे पानी में गिर गया. पानी से धुआं निकलता दिखा. झील के आसपास धमाका जैसी आवाज आई, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ.
  • सफाई अभियान: रविवार (21 सितंबर) को डल झील की सफाई चल रही थी. स्वयंसेवकों को मिसाइल जैसा प्रोजेक्टाइल मिला. यह रॉकेट का खोल था, जो विस्फोट के बाद बचा था.
  • बरामदगी: खोल को तुरंत स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया. अब इसकी जांच हो रही है. इससे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हमले का सबूत मिला.

डल झील श्रीनगर की जान है. यह पर्यटन का केंद्र है, जहां शिकारे घूमते हैं. लेकिन सीमा तनाव से यहां कभी-कभी खतरा आ जाता है. यह बरामदगी झील की सफाई के महत्व को भी दिखाती है.

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इसकी अहमियत क्या है?

  • सबूत का महत्व: यह खोल पाकिस्तान के हमले की पुष्टि करता है. इससे भारत की सेना की कार्रवाई सही साबित होती है.
  • सुरक्षा का संदेश: ऑपरेशन सिंदूर से साबित हुआ कि भारत मजबूत जवाब दे सकता है, लेकिन शांति चाहता है. पाकिस्तान के मिसाइल हमले असफल रहे.
  • झील की सुरक्षा: सफाई अभियान से न सिर्फ कचरा साफ होता है, बल्कि पुराने खतरे भी मिल जाते हैं. इससे पर्यटकों की सुरक्षा बढ़ेगी.

रक्षा विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे अवशेषों से सीख मिलती है. भारत को अपनी सीमा पर नजर रखनी चाहिए. यह घटना हमें याद दिलाती है कि शांति के लिए सतर्क रहना जरूरी है.

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