पहले मिग, अब जगुआर क्रैश... अभी कौन से फाइटर जेट भारत करता है इस्तेमाल, क्या है फ्यूचर प्लान?

भारतीय वायुसेना के पास राफेल, सुखोई, तेजस, मिराज-2000, मिग-21 और जगुआर जैसे फाइटर जेट हैं, हालांकि पुराने विमानों के क्रैश ने आधुनिकीकरण की जरूरत को उजागर किया है. AMCA, तेजस Mk-2 और स्वदेशी इंजन जैसे प्रोजेक्ट्स भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़े कदम हैं.

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अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात राफेल फाइटर जेट. (फाइल फोटोः AFP) अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात राफेल फाइटर जेट. (फाइल फोटोः AFP)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:25 PM IST

9 जुलाई 2025 को राजस्थान के चूरू में भारतीय वायुसेना का एक जगुआर फाइटर जेट क्रैश हो गया, जिसमें दोनों पायलटों की दुखद मृत्यु हो गई. यह 2025 में इस तरह का तीसरा हादसा है. इससे पहले मिग विमानों के क्रैश होने की खबरें भी सामने आई थीं.

इन हादसों ने वायुसेना के पुराने विमानों की स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर सवाल उठाए हैं. आइए जानते हैं कि भारत वर्तमान में कौन-कौन से फाइटर जेट इस्तेमाल करता है और भविष्य के लिए क्या तैयारियां कर रहा है.

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भारत के पास वर्तमान में कौन-कौन से फाइटर जेट हैं?

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर वायुसेना मानी जाती है. इसके पास कई तरह के फाइटर जेट हैं, जो हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम हैं. नीचे कुछ प्रमुख फाइटर जेट्स की जानकारी दी गई है...

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राफेल (Rafale) 

राफेल एक 4.5वीं पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे फ्रांस की कंपनी डैसो एविएशन ने बनाया है. भारत ने 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल जेट खरीदने का सौदा किया था. ये जेट 2019 से भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुके हैं.  

  • खासियत: यह हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है. इसमें मेटियोर मिसाइल (150-200 किमी रेंज) और उन्नत AESA रडार है. यह कम ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है. रडार से बचने की क्षमता में भी बेहतर है.  
  • उपयोग: 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक में राफेल ने अपनी ताकत दिखाई थी. हाल ही में भारतीय नौसेना के लिए और राफेल खरीदने का सौदा हुआ है.

सुखोई Su-30 MKI (Sukhoi Su-30 MKI)

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रूस द्वारा निर्मित सुखोई Su-30 MKI भारतीय वायुसेना का मुख्य फाइटर जेट है. भारत के पास लगभग 260 सुखोई जेट हैं, जो इसे वायुसेना का रीढ़ बनाते हैं.   

  • खासियत: यह एक 4.5वीं पीढ़ी का मल्टी-रोल जेट है, जो लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों और भारी हथियार ले जा सकता है. इसकी स्पीड ध्वनि की गति से दोगुना है.  
  • उपयोग: सुखोई जेट सीमा पर निगरानी और युद्ध की स्थिति में अहम भूमिका निभाते हैं.

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तेजस (Tejas) 

तेजस एक स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft) है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बनाया है. वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास 31 तेजस Mk-1 जेट हैं. तेजस Mk-1A का उन्नत संस्करण भी जल्द शामिल होने वाला है.  

  • खासियत: यह 4.5वीं पीढ़ी का जेट है, जो EL/M-2052 रडार से लैस है. यह एक साथ 10 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है. इसकी गति मैक 1.8 है. यह स्वदेशी मिसाइलों जैसे Astra से लैस है.  
  • उपयोग: कश्मीर जैसे पहाड़ी इलाकों में तेजस की तैनाती की जा रही है.

मिग-21 बाइसन (MiG-21 Bison)

मिग-21 एक पुराना लेकिन उन्नत किया गया फाइटर जेट है, जिसे 1960 के दशक में सोवियत संघ ने बनाया था.  भारत के पास अभी भी कुछ मिग-21 बाइसन हैं, जो चौथी पीढ़ी के जेट हैं.  

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  • खासियत: इसे दो मिनट में लॉन्च किया जा सकता है. यह हल्का और तेज है, लेकिन पुरानी तकनीक के कारण अब इसे धीरे-धीरे हटाया जा रहा है.  
  • उपयोग: 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 से पाकिस्तान के F-16 जेट को मार गिराया था.

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जगुआर (Jaguar) 

जगुआर एक ब्रिटिश-फ्रांसीसी फाइटर जेट है, जिसे 1979 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. भारत के पास 6 स्क्वाड्रन (लगभग 115-120 जगुआर जेट) हैं.  

  • खासियत: यह कम ऊंचाई पर तेज गति से उड़ान भर सकता है और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है.  
  • उपयोग: जगुआर गहरी स्ट्राइक और टोही मिशनों के लिए इस्तेमाल होता है, लेकिन पुरानी तकनीक के कारण इसे धीरे-धीरे हटाया जा रहा है.

भविष्य की तैयारियां: भारत का आत्मनिर्भर रक्षा मिशन

भारत पुराने विमानों जैसे मिग-21 और जगुआर को धीरे-धीरे हटाने और आधुनिक तकनीक पर जोर दे रहा है. भविष्य के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चल रही हैं...

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एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) 

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AMCA भारत का पहला 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट होगा, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और HAL बना रहे हैं.  

  • खासियत: इसमें स्टील्थ तकनीक, सुपरक्रूज (बिना आफ्टरबर्नर के सुपरसोनिक गति), AI-आधारित सेंसर, और उन्नत मिसाइलें होंगी. इसकी गति मैक 1.8+ और रेंज 1,000 किमी से अधिक होगी.  
  • स्थिति: मई 2025 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने AMCA के प्रोडक्शन मॉडल को मंजूरी दी. 2035 तक इसे वायुसेना और नौसेना में शामिल करने की योजना है.  
  • बजट: इसके प्रोटोटाइप के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

तेजस Mk-1A और Mk-2  

तेजस Mk-1A तेजस का उन्नत संस्करण है, जिसमें बेहतर रडार और मिसाइल सिस्टम होंगे.  तेजस Mk-2 एक मध्यम वजन का मल्टी-रोल जेट होगा, जो GE F414 इंजन से लैस होगा.  स्थिति: तेजस Mk-1A की डिलीवरी शुरू हो चुकी है. Mk-2 का प्रोटोटाइप 2027 तक तैयार होने की उम्मीद है.

स्वदेशी इंजन विकास  

भारत GE F414 इंजन को देश में बनाने के लिए अमेरिका के साथ 80% तकनीक हस्तांतरण सौदे पर काम कर रहा है. यह इंजन तेजस Mk-2 और AMCA में इस्तेमाल होगा. साथ ही, भारत का कावेरी इंजन प्रोजेक्ट ड्रोन और मानव रहित विमानों के लिए विकसित किया जा रहा है.

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नौसेना के लिए नए जेट  

भारतीय नौसेना अपने विमानवाहक पोत INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य के लिए 26 राफेल-M जेट्स खरीदने का सौदा हाल ही में हुआ है. 

ड्रोन और मानव रहित विमान  

भारत ड्रोन तकनीक पर भी जोर दे रहा है. HAL का CATS Warrior ड्रोन और HLFT-42 जैसे प्रोजेक्ट्स भविष्य में वायुसेना की ताकत बढ़ाएंगे. ध्रुवास्त्र (हेलिना) जैसी एंटी-टैंक मिसाइलें हेलिकॉप्टरों में शामिल की जा रही हैं.

चुनौतियां और समाधान

  • पुराने विमान: मिग-21 और जगुआर जैसे पुराने जेट बार-बार क्रैश हो रहे हैं, जिससे पायलटों की जान को खतरा है. X पर कुछ यूजर्स का कहना है कि HAL ने तेजस प्रोजेक्ट में देरी की, जिसके कारण पुराने जेट्स को हटाने में देरी हुई.  
  • आयात पर निर्भरता: भारत अभी भी राफेल और सुखोई जैसे जेट्स के लिए विदेशों पर निर्भर है. AMCA और तेजस जैसे स्वदेशी प्रोजेक्ट्स इस निर्भरता को कम करेंगे.  
  • तकनीकी अंतर: विशेषज्ञों का मानना है कि फाइटर जेट इंजन बनाने में भारत चीन, अमेरिका और रूस से 10-15 साल पीछे है. फ्रांस और अमेरिका के साथ साझेदारी से यह अंतर कम किया जा सकता है.
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