जनहानि, हथियारों-मिलिट्री अड्डों और शहरों में तबाही... 12 दिन की जंग में किसे कहां कितना नुकसान हुआ?

12-दिवसीय इजरायल-ईरान युद्ध ने दोनों देशों को भारी नुकसान पहुंचाया. ईरान में 657-800 लोग मारे गए, जिनमें 263 नागरिक थे.इजरायल में 24-30 नागरिक मारे गए. ईरान के नतांज, फोर्डो और पार्चिन जैसे परमाणु और सैन्य ठिकाने नष्ट हुए, जबकि इजरायल के तेल अवीव, हाइफा और बीर शेवा में नागरिक और सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा. आर्थिक रूप से, ईरान को 150-200 बिलियन डॉलर और इजरायल को 12 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.

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तेल अवीव के नजदीक एक शहर ईरानी मिसाइल से क्षतिग्रस्त इमारत की जांच करते राहत एवं बचावकर्मी. (सभी फाइल फोटोः AP/Reuters) तेल अवीव के नजदीक एक शहर ईरानी मिसाइल से क्षतिग्रस्त इमारत की जांच करते राहत एवं बचावकर्मी. (सभी फाइल फोटोः AP/Reuters)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 24 जून 2025,
  • अपडेटेड 10:23 AM IST

13 जून 2025 को शुरू हुआ इजरायल-ईरान युद्ध 12 दिन चला. यह मध्य पूर्व में एक अभूतपूर्व सैन्य टकराव था. इस युद्ध में इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले शुरू किए, जिसके जवाब में ईरान ने इजरायल के शहरों और सैन्य अड्डों पर मिसाइलें और ड्रोन दागे.

22 जून को अमेरिका ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर में शामिल होकर ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया. इस युद्ध ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई, शहरों को नुकसान पहुंचा और सैन्य बुनियादी ढांचे ध्वस्त हुए. आइए जानते हैं किसे कितना नुकसान हुआ? 

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युद्ध की शुरुआत

इजरायल और ईरान के बीच दशकों से तनाव रहा है. ईरान ने इजरायल की वैधता को चुनौती दी और उसे नष्ट करने की बात कही, जबकि इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने लिए अस्तित्व का खतरा माना. 12 जून, 2025 को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने ईरान को परमाणु दायित्वों का पालन न करने का दोषी ठहराया, जिसके अगले दिन इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू किया.

इजरायली वायुसेना ने 200 से अधिक लड़ाकू विमानों के साथ 330 से ज्यादा हथियार गिराए, जिसमें ईरान के नतांज, फोर्डो और इस्फहान परमाणु संयंत्र, सैन्य अड्डे और मिसाइल उत्पादन सुविधाएं निशाना बनीं. जवाब में, ईरान ने 450 से अधिक मिसाइलें और 1000 ड्रोन इजरायल पर दागे, जिससे तेल अवीव, हाइफा और बीर शेवा जैसे शहर प्रभावित हुए. 22 जून को अमेरिका ने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर का उपयोग कर फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमले किए. 

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जानमाल का नुकसान

इस 12-दिवसीय युद्ध में दोनों पक्षों को भारी मानवीय नुकसान हुआ. विभिन्न स्रोतों, जैसे रॉयटर्स, सीएनएन और अमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार निम्नलिखित हताहत हुए... 

ईरान में हताहत

कुल मृत्यु: विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान में 657 से 800 लोग मारे गए. वॉशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार समूह ने बताया कि 263 नागरिक मारे गए, जिनमें 54 महिलाएं और बच्चे शामिल थे. सीएनएन ने ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से कहा कि 224 लोग मारे गए, जिनमें 90% से अधिक नागरिक थे.

घायल: 1800 से 3056 लोग घायल हुए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे.

फेमस लोग जो मारे गए 

शीर्ष सैन्य कमांडर: इजरायल ने कई IRGC (इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) कमांडरों को मार गिराया, जिससे ईरान की सैन्य नेतृत्व क्षमता को झटका लगा.

परमाणु वैज्ञानिक: छह प्रमुख वैज्ञानिक, जैसे इसार ताबातबाई-कमशेह और उनकी पत्नी, इजरायली हमलों में मारे गए.

नागरिक हताहत: तेहरान के ताजरिश स्क्वायर में 12 लोग, जिसमें बच्चे और एक गर्भवती महिला शामिल थे, मारे गए. कोम में एक आवासीय इमारत पर हमले में एक 16 वर्षीय किशोर सहित दो लोग मारे गए.

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इजरायल में हताहत

कुल मृत्यु: इजरायल में 24 से 30 लोग मारे गए, सभी आम नागरिक. रॉयटर्स और सीएनएन के अनुसार, इनमें एक महिला शामिल थी, जिसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई.

घायल: 300 से 600 लोग घायल हुए, ज्यादातर मिसाइल हमलों या बंकरों में भागते समय. बटयम में नौ लोग मारे गए और 200 घायल हुए.

फेमस लोग जो मारे गए

  • बटयम: 15 जून को ईरानी मिसाइल हमले में आठ लोग, जिनमें तीन बच्चे शामिल थे.
  • तमरा: एक ईरानी मिसाइल ने चार महिलाओं को मार डाला, जो एक ही परिवार की थीं.
  • तेल अवीव: रामत अवीव में 16 लोग घायल हुए, जिनमें एक 30 वर्षीय व्यक्ति की हालत गंभीर थी.

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अन्य पक्ष

हूती विद्रोहियों (ईरान के सहयोगी) ने इजरायल पर मिसाइलें दागीं, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ. अमेरिकी हमलों के बाद हूतियों ने अमेरिका-हूती युद्धविराम तोड़ दिया.

तेहरान में विस्फोट: 26 अप्रैल को शाहिद राजाई पोर्ट पर सोडियम परक्लोरेट के कारण विस्फोट में 57 लोग मारे गए और 1000 से अधिक घायल हुए, लेकिन यह युद्ध से पहले की घटना थी.

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सैन्य ठिकानों की तबाही

युद्ध का मुख्य उद्देश्य दोनों पक्षों के सैन्य और परमाणु बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था.

ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकाने

परमाणु सुविधाएं

  • नतांज: IAEA के अनुसार, इजरायली हमलों ने 15000 सेंट्रीफ्यूज को नष्ट या क्षतिग्रस्त किया, जिससे ईरान का यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम वर्षों पीछे चला गया.
  • फोर्डो: 22 जून को अमेरिकी बी-2 बॉम्बर ने छह GBU-57 बंकर-बस्टर बम गिराए, जिससे सुविधा को गंभीर नुकसान पहुंचा. हालांकि, IAEA ने कहा कि फोर्डो को कम नुकसान हुआ.
  • इस्फहान: परमाणु अनुसंधान केंद्र को दो बार निशाना बनाया गया, लेकिन नुकसान सीमित था.
  • सेंट्रीफ्यूज उत्पादन: तेहरान रिसर्च सेंटर और TESA करज कार्यशाला में सेंट्रीफ्यूज उत्पादन इकाइयां नष्ट हुईं.

सैन्य अड्डे

पार्चिन: मिसाइल उत्पादन और विस्फोटक विकास के लिए इस्तेमाल होने वाला यह सैन्य परिसर 12, 15 और 22 जून को निशाना बना.

मिसाइल सुविधाएं: इजरायल ने पश्चिमी और मध्य ईरान में मिसाइल लॉन्च और भंडारण सुविधाओं को नष्ट किया, जिससे ईरान की मिसाइल क्षमता कमजोर हुई.

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वायु रक्षा: इजरायली हमलों ने ईरान की वायु रक्षा प्रणालियों को नष्ट कर दिया, जिससे इजरायल को तेहरान के ऊपर हवाई श्रेष्ठता मिली.

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प्रमुख नुकसान

IRGC कमांडरों की हत्या: कई शीर्ष कमांडर मारे गए, जिससे नेतृत्व संकट पैदा हुआ.

मिसाइल भंडार: इजरायली हमलों के कारण ईरान की मिसाइल हमलों की संख्या और तीव्रता कम हुई.

इजरायल के सैन्य ठिकाने

सैन्य सुविधाएं

  • तेल अवीव में कैंप मोशे दयान: 17 जून को ईरानी मिसाइलों ने सैन्य खुफिया स्कूल को निशाना बनाया, एक गोदाम को नष्ट किया और आग लगाई. कोई हताहत नहीं हुआ.
  • नेवातिम एयरबेस: बीर शेवा के पास इस हवाई अड्डे को निशाना बनाया गया, लेकिन नुकसान की पूरी जानकारी नहीं है.
  • किरया (इजरायल का पेंटागन): तेल अवीव में रक्षा मंत्रालय मुख्यालय से 300 मीटर दूर मिसाइलें गिरीं, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ.
  • वायु रक्षा: इजरायल की आयरन डोम ने अधिकांश मिसाइलों को रोक लिया, लेकिन कुछ मिसाइलें रक्षा प्रणाली को भेदने में सफल रहीं. 

शहरों को नुकसान

दोनों देशों के प्रमुख शहरों में मिसाइल और ड्रोन हमलों ने नागरिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया.

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ईरान के शहर

तेहरान

नारमक जिला: आवासीय क्षेत्रों में भारी नुकसान.

ताजरिश स्क्वायर: 15 जून को हमले में 12 लोग मारे गए.

शाहरान तेल डिपो: 14 जून को हमले के बाद आग लगी, जो कई दिनों तक जलती रही.

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ईरानी रेडियो-टेलीविजन भवन: 19 जून को हमले में क्षतिग्रस्त. 

आर्थिक नुकसान: X पर @cryptotrenchy ने अनुमान लगाया कि तेहरान में बुनियादी ढांचे को 6.5 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.

कोम: एक आवासीय इमारत पर हमले में दो लोग मारे गए.

खुजिस्तान प्रांत: अहवाज, महशहर और अंदीमेशक में आवासीय और औद्योगिक क्षेत्र क्षतिग्रस्त.

इस्फहान: परमाणु अनुसंधान केंद्र के साथ-साथ नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान.

कुल नुकसान

औद्योगिक नुकसान: 2.4 बिलियन डॉलर.

तेल राजस्व हानि: 3.8 बिलियन डॉलर.

जीडीपी प्रभाव: 9.6 बिलियन डॉलर. 

कुल आर्थिक नुकसान: X पर @MAshrafHaidari ने अनुमान लगाया कि ईरान को 150-200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.

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इजरायल के शहर

तेल अवीव

रामत अवीव: मिसाइल हमलों से इमारतें ध्वस्त, 16 लोग घायल.

बटयम: सबसे ज्यादा तबाही, नौ लोग मारे गए, 200 घायल.

रिशोन लेज़ायन: कई घर नष्ट.

हाइफा: बाज़ान तेल रिफाइनरी: 16 जून को मिसाइल हमले से बंद.

नेवे शानान: आवासीय इमारतें क्षतिग्रस्त.

बीर शेवा

सोरोका मेडिकल सेंटर: अस्पताल को गंभीर नुकसान.

टेक पार्क: माइक्रोसॉफ्ट कार्यालय के पास नुकसान.

तमरा: एक मिसाइल हमले में चार महिलाएं मारी गईं.

ब्नेई ब्राक: मिसाइल हमले से नुकसान.

कुल नुकसान

बुनियादी ढांचा: 4.2 बिलियन डॉलर.

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औद्योगिक नुकसान: 1.9 बिलियन डॉलर.

कुल आर्थिक नुकसान: X पर @MAshrafHaidari ने अनुमान लगाया कि इजरायल को 12 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. 

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क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव

आर्थिक प्रभाव

तेल की कीमतें: स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज के बंद होने की आशंका से तेल की कीमतें बढ़ीं, जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया. चीन, जो ईरान से तेल आयात करता है, इस युद्ध से प्रभावित हुआ.

ईरान की अर्थव्यवस्था: प्रतिबंधों और हमलों से पहले ही कमजोर ईरानी अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा.

इजरायल: हाइफा में तेल रिफाइनरी बंद होने से ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हुई.

कूटनीतिक प्रभाव

G7 और अमेरिका: G7 नेताओं ने इजरायल का समर्थन किया, लेकिन युद्ध में अमेरिका की सीधी भागीदारी पर मतभेद रहे.

चीन: चीनी नेता शी जिनपिंग ने युद्ध पर चिंता जताई और मध्यस्थता की पेशकश की.

यूएन और IAEA: IAEA ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर निगरानी बढ़ाई, लेकिन युद्ध के कारण निरीक्षण रुक गए.

क्षेत्रीय अस्थिरता

हूती और हिजबुल्लाह: ईरान के सहयोगियों ने इजरायल और अमेरिका पर हमले तेज किए, जिससे लाल सागर और यमन में तनाव बढ़ा.

सऊदी अरब और UAE: ईरान की मिसाइल क्षमता बढ़ने से ये देश चिंतित हैं.

भारत: भारत ने ऑपरेशन सिंधु के तहत इजरायल और ईरान से 1200 भारतीयों को निकाला, जिससे उसकी तटस्थता और मानवीय भूमिका उजागर हुई.

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