ईरान में फोर्डो की पहाड़ी के ऊपर 6 गहरे गड्ढे... सैटेलाइट तस्वीरों में दिखा बंकर बस्टर बम का असर

सैटेलाइट तस्वीरों में फोर्डो में 6 गड्ढे दिख रहे हैं. ऑपरेशन मिडनाइट हैमर में 7 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने पर 14 GBU-57 बम दागे. ईरान ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की. नतांज और इस्फहान पर भी टोमाहॉक मिसाइलें दागी गईं. हमले से तनाव बढ़ा लेकिन ईरान का दावा है कि परमाणु कार्यक्रम बरकरार है.

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फोर्डो न्यूक्लियर साइट बंकर बस्टर बम से बने 6 गड्ढे दिख रहे हैं. (फोटोः Maxar) फोर्डो न्यूक्लियर साइट बंकर बस्टर बम से बने 6 गड्ढे दिख रहे हैं. (फोटोः Maxar)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2025,
  • अपडेटेड 8:15 PM IST

21 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर एक ऐतिहासिक सैन्य ऑपरेशन मिडनाइट हैमर शुरू किया. इस ऑपरेशन में 7 B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स ने ईरान के सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकाने फोर्डो पर 14 GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बम दागे.

मैक्सार की ताजा सैटेलाइट तस्वीरों में फोर्डो के ऊपरी रिज पर कम से कम 6 हथियारों के प्रवेश छेद/क्रेटर दिखाई दे रहे हैं. अमेरिका ने दावा किया कि ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा. ईरान ने जवाबी कार्रवाई नहीं की क्योंकि उनकी रक्षा प्रणाली इन स्टील्थ विमानों को देख नहीं पाई.

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ऑपरेशन मिडनाइट हैमर: क्या था यह मिशन?

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर अमेरिका का एक गुप्त और हाई रिस्क वाला सैन्य मिशन था, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को नष्ट करना था. यह ऑपरेशन 21 जून 2025 की रात को शुरू हुआ और इसमें 125 से अधिक अमेरिकी विमान शामिल थे, जिनमें 7 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स मुख्य थे. पेंटागन के चेयरमैन ऑफ जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने इसे "अब तक का सबसे बड़ा B-2 हमला" बताया.

  • समय: हमले स्थानीय समयानुसार 22 जून की सुबह 1:10 से 1:35 बजे. 
  • उड़ान: B-2 बॉम्बर्स ने मिसूरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से 18 घंटे की लंबी उड़ान भरी, जिसमें सीमित संचार (लिमिटेड कम्युनिकेशन्स) का इस्तेमाल हुआ ताकि मिशन गुप्त रहे.
  • रणनीति: अमेरिका ने प्रशांत महासागर में भटकाव पैदा करने वाली उड़ानें (डिसेप्शन मैन्यूवर्स) कीं, जिससे ईरान को हमले का अंदाजा नहीं हुआ.

फोर्डो परमाणु ठिकाना: ईरान का सबसे सुरक्षित किला

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फोर्डो ईरान का सबसे मजबूत और गहरा परमाणु ठिकाना है, जो तेहरान से 100 मील दक्षिण में एक पहाड़ के नीचे 80-90 मीटर की गहराई पर बना है. यह ठिकाना यूरेनियम संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण है, जहां ईरान 83.7% तक समृद्ध यूरेनियम बना रहा था, जो परमाणु हथियार के लिए जरूरी 90% के करीब है.

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  • सुरक्षा: फोर्डो को रूसी निर्मित हवाई रक्षा प्रणालियों (S-300) और मोटी चट्टानों से संरक्षित किया गया है, जिससे इसे नष्ट करना लगभग असंभव माना जाता था.
  • महत्व: यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम का केंद्र है. इसे नष्ट करना इजरायल और अमेरिका की प्राथमिकता थी.

मैक्सार की ताजा सैटेलाइट तस्वीरों (20 जून 2025) में फोर्डो के ऊपरी रिज पर 6 बड़े क्रेटर दिखाई दे रहे हैं, जो GBU-57 MOP बमों के प्रभाव को दर्शाते हैं. ये छेद उस भूमिगत परिसर के ठीक ऊपर हैं, जहां यूरेनियम संवर्धन होता है. 

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ईरान की प्रतिक्रिया: क्यों नहीं दिया जवाब?

अमेरिकी दावों के अनुसार, ईरान ने इस हमले के दौरान एक भी गोली नहीं चलाई. इसका कारण था...

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B-2 की स्टील्थ तकनीक: ईरान की रूसी निर्मित S-300 हवाई रक्षा प्रणालियां B-2 बॉम्बर्स को नहीं देख पाईं.

आश्चर्यजनक हमला: अमेरिका ने प्रशांत महासागर में भटकाव पैदा कर ईरान को गुमराह किया.

कोई प्रतिरोध नहीं: जनरल डैन केन ने कहा कि न तो ईरान ने सतह से हवा में मिसाइलें दागीं, न ही उसके लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी. हालांकि, ईरान ने हमले को "अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन" बताया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी. विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि हमारे पास सभी विकल्प खुले हैं. 

नतांज और इस्फहान पर हमले

फोर्डो के अलावा, अमेरिका ने नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर भी हमले किए...

  • नतांज: ईरान का सबसे बड़ा यूरेनियम संवर्धन केंद्र. USS जॉर्जिया पनडुब्बी से दागी गई टोमाहॉक क्रूज़ मिसाइलों और एक B-2 से गिराए गए दो MOP बमों ने ऊपरी ढांचों को नुकसान पहुंचाया. 
  • इस्फहान: यूरेनियम को परमाणु ईंधन में बदलने की सुविधा. 24 से अधिक टोमाहॉक मिसाइलें दागी गईं, जिससे छह इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं. 
  • IAEA की रिपोर्ट: इन हमलों से कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ. ईरान ने दावा किया कि उसके परमाणु ठिकाने अभी भी काम कर रहे हैं.

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अमेरिकी दावाः  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे शानदार सैन्य सफलता बताया और कहा कि ईरान के परमाणु ठिकाने पूरी तरह नष्ट हो गए. रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इसे बोल्ड और ब्रिलियंट मिशन कहा. जनरल डैन केन ने कहा कि प्रारंभिक आकलन में तीनों ठिकानों को गंभीर नुकसान हुआ, लेकिन अंतिम नुकसान का आकलन समय लेगा.

ईरानी दावा: ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन ने कहा कि हमले बर्बर थे, लेकिन परमाणु कार्यक्रम रुकेगा नहीं. ईरान ने दावा किया कि उसने तीनों ठिकानों को पहले ही खाली कर लिया था.

मैक्सार सैटेलाइट तस्वीरें: फोर्डो के ऊपरी रिज पर 6 क्रेटर दिखाई दे रहे हैं, जो MOP बमों की सटीकता को दर्शाते हैं. नतांज और इस्फहान में ऊपरी ढांचों को नुकसान हुआ, लेकिन गहरे बंकर पूरी तरह नष्ट नहीं हुए.

क्षेत्रीय तनाव: ईरान ने जवाबी कार्रवाई में खैबर शेकन मिसाइलों से इजरायल पर 20वीं बार हमला किया, जिससे बेन गुरियन हवाई अड्डा और सैन्य ठिकाने प्रभावित हुए. इजरायल में दहशत फैली, स्कूल बंद हुए और लोग बंकरों में छिपे.  

क्या फोर्डो पूरी तरह नष्ट हुआ?

अमेरिकी दावा: ट्रंप और हेगसेथ ने कहा कि फोर्डो पूरी तरह नष्ट हो गया. 

मैक्सार तस्वीरें: 6 क्रेटर दिखाते हैं कि बमों ने ऊपरी रिज को भेदा, लेकिन गहरे बंकरों का नुकसान अस्पष्ट है.

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ईरानी दावा: फोर्डो अभी भी काम कर रहा है. यूरेनियम सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया.

IAEA: कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ, लेकिन नुकसान का पूरा आकलन बाकी है.

विशेषज्ञों का मानना है कि फोर्डो को पूरी तरह नष्ट करने के लिए एक से अधिक बमों को एक ही छेद में गिराना जरूरी था, जो एक जटिल प्रक्रिया है.

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