ईरान ने बना ली ICBM मिसाइल, रेंज 10 हजार KM से ज्यादा... US-इजरायल को खतरा

ईरान ने दावा किया कि उसने 10000+ किमी रेंज की ICBM मिसाइल बनाई, जो अमेरिका और यूरोप तक पहुंच सकती है. यह सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल से बनी. विशेषज्ञ कहते हैं, अभी पक्का सबूत नहीं लेकिन इजरायल, सऊदी, यूरोप को खतरा. भारत सुरक्षित पर क्षेत्रीय तनाव बढ़ेगा. सैंक्शंस और कूटनीति से इसे रोकना जरूरी.

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ईरान ने दावा किया है कि उसने ICBM मिसाइल बना ली है. (Photo: Representatioanl/X/Iranspectator) ईरान ने दावा किया है कि उसने ICBM मिसाइल बना ली है. (Photo: Representatioanl/X/Iranspectator)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:02 PM IST

ईरान ने दुनिया को चौंका दिया है. एक ईरानी सांसद ने कहा कि हाल ही में वायरल वीडियो में दिखाई गई मिसाइल लॉन्च ICBM (इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल) का सफल टेस्ट था. यह मिसाइल स्पेस लॉन्च व्हीकल (SLV) टेक्नोलॉजी से बनाई गई है. इसकी रेंज 10,000 किलोमीटर से ज्यादा है. यह अमेरिका और यूरोप तक पहुंच सकती है. लेकिन क्या यह सच है? 

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ICBM क्या है? ईरान का दावा क्या है?

ICBM एक लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 5500 किलोमीटर से ज्यादा दूर लक्ष्य को मार सकती है. यह हवा में उड़कर फिर गिरती है. परमाणु हथियार ले जा सकती है. ईरान का दावा है कि यह नई मिसाइल SLV (सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) से बनी है, जो स्पेस प्रोग्राम का हिस्सा थी.

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ईरानी सांसद ने कहा कि यह हमारे सबसे एडवांस्ड मिसाइल का टेस्ट है. वीडियो में धुएं के निशान दिखे, जो लॉन्च का सबूत बताए जा रहे हैं. लेकिन विशेषज्ञ संदेह जताते हैं. अमेरिकी डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA, 2025) की रिपोर्ट कहती है कि ईरान ICBM 2035 तक बना सकता है, अगर अभी फैसला हो.

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अभी ईरान के पास MRBM (2000-3000 किमी रेंज) जैसे खोर्रमशहर-4 और फतह-2 हैं, लेकिन ICBM का कोई पक्का सबूत नहीं. आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन (2025) के अनुसार, ईरान का SLV प्रोग्राम (सिमोर्ग) ICBM के लिए इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन यह अभी प्रोटोटाइप स्टेज में है. ईरान के पास 3000+ मिसाइलें हैं, लेकिन ICBM नहीं.

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ईरान की मिसाइल ताकत: रेंज और क्षमता

ईरान की मिसाइलें मध्यम दूरी की हैं...

  • शॉर्ट रेंज (SRBM): 300-1000 किमी, जैसे शाहब-1 (330 किमी).
  • मीडियम रेंज (MRBM): 1000-3000 किमी, जैसे खोर्रमशहर-4 (2000 किमी, 1500 किलो वारहेड ले जा सकती).
  • ICBM दावा: 10000+ किमी, जो अमेरिका के पूर्वी तट तक पहुंचेगी. लेकिन DIA कहता है, ईरान को ICBM के लिए नॉर्थ कोरिया या अन्य से मदद चाहिए.

ईरान ने 2025 में 500 मिसाइलें इजरायल पर दागीं, लेकिन 94% विफल रहीं. ईरान का मिसाइल प्रोग्राम 1980 से चला रहा है, लेकिन ICBM अभी दूर है.

खतरा किन देशों को? 

अगर ईरान का दावा सच हो, तो 10,000+ किमी रेंज से खतरा...

  • मध्य पूर्व: इजरायल (1500 किमी), सऊदी अरब (1200 किमी), UAE (1000 किमी)—ये पहले से निशाने पर हैं. 
  • यूरोप: फ्रांस, जर्मनी, UK (3000-4000 किमी).
  • एशिया: भारत (2500 किमी, लेकिन ICBM से ज्यादा दूर), पाकिस्तान (1500 किमी).
  • अमेरिका: पूर्वी तट (न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन) 10,000 किमी के दायरे में.

ईरान का फोकस इजरायल और अमेरिका पर है. 2025 के इजरायल-ईरान संघर्ष में ईरान ने 500 मिसाइलें दागीं. ICBM से अमेरिकी बेस (कतर, बहरीन) खतरे में. लेकिन ईरान का SLV प्रोग्राम ICBM टेस्ट बेड है, जो UN सैंक्शंस का उल्लंघन है.

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चिंता और सैंक्शंस

अमेरिका और इजरायल ने चेतावनी दी. DIA (2025) ने कहा कि ईरान ICBM 2035 तक बना सकता है. UN ने ईरान के मिसाइल प्रोग्राम पर सैंक्शंस लगाए. इजरायल ने जून 2025 में ईरान के मिसाइल साइट्स पर हमला किया. ईरान कहता है कि यह रक्षात्मक है. लेकिन विशेषज्ञ (USIP, 2025) कहते हैं, ईरान ICBM बना ले तो मध्य पूर्व और यूरोप में तनाव बढ़ेगा.

खतरा बढ़ा या अफवाह?

ईरान का ICBM दावा चिंता बढ़ाता है, लेकिन सबूत कम हैं. अगर सच, तो अमेरिका, यूरोप और इजरायल को बड़ा खतरा. भारत सुरक्षित है, लेकिन क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित होगी. ईरान का मिसाइल प्रोग्राम कूटनीति से रोकना जरूरी.

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