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Wood Industry की रोजी-रोटी चलाने वाले इस पेड़ की है हाई डिमांड, किसान कमा रहे करोड़ों रुपये

Poplar Tree Demand: पॉपुलर ट्री की खेती भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी की जाती है. इसकी खेती करने से किसानों की बंपर कमाई होती है साथ ही आधी वुड इंजस्ट्री इन्हीं पेड़ों की खेती पर टिकी हुई है.

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Poplar Tree Farming Benefits
Poplar Tree Farming Benefits
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ज्यादा बर्फबारी में नहीं होती पॉपुलर की खेती
  • पॉपुलर की खेती के लिए भारत सबसे बेस्ट देश
  • पॉपुलर की खेती देगी सबसे ज्यादा प्रॉफिट

Poplar Ped Ki Kheti: हम रोजाना प्लाईवुड, स्टिक, बॉक्स, पेपर का प्रयोग करते हैं, लकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे ज्यादा ये चीजें किस पेड़ की लकड़ी से बनाई जाती हैं? पॉपुलर ट्री की खेती वुड इंडस्ट्री की रोजी-रोटी बनी हुई है. इस पेड़ की डिमांड मार्केट में बहुत ज्यादा है. इसकी लकड़ी खरीदने के लिए कस्टमर को अच्छी खासी रकम देनी पड़ती है. अगर आप इस पेड़ की खेती करें तो यकीनन आपको लाभ होगा. देश में अभी भी कई किसान ऐसे हैं जो खेती करने के बाद भी कर्ज में डूबे हुए हैं, तो कई किसान ऐसे भी हैं जो खेती कर अपने परिवार का अच्छे से पालन पोषण कर लेते हैं. पॉपुलर ट्री की खेती करके भी किसान लाखों, करोड़ों रुपए की कमाई कर लेते हैं.

हरियाणा-पंजाब में होती है सबसे ज्यादा खेती

5 से 7 साल में 85 फीट की लंबाई तक पहुंचने वाले इस पेड़ को भारत में कई नामों से जाना जाता है. हिन्दी भाषी लोग इसे पारस, पिपल, पोरुष नाम से जानते हैं. गुजारत के लोग पारस पिपल कहते हैं, बंगाली पोरेश, इस पेड़ के कई अन्य नाम भी हैं. कृषि छेत्र में सबसे आगे पंजाब और हरियाणा में इस पेड़ की सबसे फसल पाई जाती है, हालांकि इसमें उत्ताखंड, वेस्ट बंगाल, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और उत्तर प्रदेश भी शामिल है. अगर पॉपुलर ट्री की अच्छी खेती करनी है तो तापमान करीबन 5 डिग्री C से लेकर 45 डिग्री C तक होना चाहिए.

सूर्य की सीधी रौशनी की होती है आवश्यकता

नर्सरी से खेतों में इस पेड़ को उगाने के लिए खास देखबाल करने की जरूरत पड़ती है. साथ ही इन पेड़ों को बढ़ने के लिए सूर्य का सीधा प्रकाश होना बेहद जरूरी है. कई केमिकल के जरिए पॉपुलर ट्री के पौधों का रखरखाव किया जाता है.

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पॉपुलर ट्री की लकड़ी से बनती कई चीजें

पॉपुलर के पेड़ों की खेती सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि एशिया, नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका के देशों में भी पॉपुलर के पेड़ की खेती की जाती है. इस पेड़ का इस्तेमाल पेपर को बनाने में, हल्की प्लाईवुड, चॉप स्टिक, बॉक्सेस, माचिस आदि बनाने के लिए किया जाता है. 

 

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