किसानों की आवाज, उनके अनुभव और जरूरतों को केंद्र में रखकर शुरू होने जा रहा है ‘किसान तक – किसान कारवां’. ये पहल उत्तर प्रदेश सरकार और इंडिया टुडे ग्रुप के सहयोग से शुरू की जा रही है, जिसका मकसद सरकार और किसानों के बीच एक मजबूत, भरोसेमंद और लगातार चलने वाला संवाद स्थापित करना है. ऐसा संवाद, जिसमें किसान केवल श्रोता नहीं, बल्कि भागीदार बन सकें. खास बात ये कि यह कोई एक दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक लंबी और सार्थक यात्रा है, जो 29 दिसंबर 2025 से शुरू होकर मई 2026 के अंत तक प्रदेश भर के सभी 75 जिलों तक पहुंचेगी.
किसान कारवां का मकसद
किसान तक का किसान कारवां यूपी के हर जिले में पहुंचकर किसानों, ग्राम प्रधानों, प्रगतिशील किसानों और महिला किसानों को एक साझा मंच देगा. यहां खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों की जानकारी मिलेगी, सरकारी योजनाओं को सरल भाषा में समझाया जाएगा और उन सर्वोत्तम कृषि प्रथाओं पर चर्चा होगी, जो आज के समय में किसानों के लिए वास्तव में उपयोगी हैं.
हमारे इस किसान कारवां में हर पड़ाव पर होंगे विशेषज्ञों के व्याख्यान, आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों की प्रदर्शनियां, प्रशिक्षण सत्र और किसान गोष्ठियां. साथ ही, उन प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने इनोवेशन, मेहनत और समझदारी से खेती को एक नई दिशा दी है. किसानों के लिए यह मंच अनुभव साझा करने का भी होगा और सीखने का भी.
सहयोग, संवाद और समाधान
'किसान तक' के किसान कारवां अभियान को मजबूती दे रहे हैं इसके सहयोगी, गोल्ड लोन पार्टनर - मुथूट फाइनेंस, एसोसिएट पार्टनर के रूप में चंबल फर्टिलाइजर और IFFCO. इनका साथ इस बात का संकेत है कि किसान कारवां केवल संवाद नहीं, बल्कि समाधान की दिशा में एक ठोस कदम है. किसान कारवां सिर्फ जानकारी देने का कार्यक्रम नहीं है. यह किसानों की बात सुनने, उनकी समस्याओं को समझने और उनके अनुभवों से सीखने की एक गंभीर कोशिश है. किसान कारवां उस विश्वास को मजबूत करने की पहल है कि उसकी समस्याओं में किसान अकेला नहीं है, किसान तक उसके साथ है. जब किसान कारवां आपके जिले में पहुंचेगा, तो यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं होगा. यह आपकी खेती, आपके भविष्य और आपकी आवाज का मंच होगा.
अपनी बात कहने का मंच
किसान कारवां के इस कार्यक्रम में किसानों को मिलेगा अपनी बात कहने का एक मंच. हर किसान की बात यहां न सिर्फ सुनी जाएगी बल्कि दर्ज की जाएगी और सही मंच तक पहुंचाई जाएगी. यहां आप बता सकते हैं खेती-किसानी से जुड़ी अपनी कहानी. योजनाओं से जुड़ा अपना अनुभव. यही नहीं आप इस कार्यक्रम के जरिए रख सकते हैं अपनी मांग और बता सकते हैं अपनी परेशानियां. आपके मांग पत्र, आपकी आवाज हम पहुंचाएंगे सीधे सरकार तक. कार्यक्रम की अलग-अलग गतिविधियों के जरिए आपके पास होगा इनाम जीतने का भी मौका. तो जुड़िए किसान तक के किसान कारवां के साथ और बुलंद करिए अपनी आवाज.