प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की हाई लेवल मीटिंग को संबोधित करते हुए बंजर होती जमीन और सूखे के हालात पर चर्चा की. पीएम मोदी ने सोमवार को अपने संबोधन में कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भूमि संक्षरण के मुद्दों को उठाया है. इस दौरान पीएम मोदी ने भूमि क्षरण के मुद्दे से निपटने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी.
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि भूमि सुधार के लिए भारत के कई हिस्सों में हमने कुछ नए तरीके अपनाए हैं. भूमि सुधार से मिट्टी के अच्छे स्वास्थ्य, भूमि की उत्पादकता में वृद्धि, खाद्य सुरक्षा और बेहतर आजीविका का एक अच्छा चक्र शुरू हो सकता है. एक उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के कच्छ में अधिकतर बंजर भूमि है. इस इलाके में बहुत कम बारिश होती है. ऐसे में इस क्षेत्र में घास के मैदान तैयार किए गए, जिससे भूमि को बेहतर बनाया जा सके. घास लगाकर जमीन को बंजर और मरुस्थली बनने से रोका गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे भूमि की बहाली के साथ ही पशुपालन को बढ़ावा देकर चरवाहे संबंधी गतिविधियों और आजीविका में भी सहयोग मिला. पीएम मोदी ने कहा कि इसी तरह भूमि बहाली के लिए स्थानीय तकनीकों को बढ़ावा देते हुए रणनीति तैयार करने की जरूरत है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में पिछले 10 वर्षों में करीब 3 मिलियन हेक्टेयर वन क्षेत्र जुड़ा है. इससे वन क्षेत्र बढ़कर देश के कुल क्षेत्रफल का लगभग एक चौथाई हो गया है. उन्होंने कहा कि हम 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर बंजर भूमि को बहाल करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं.