केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अमूल्य धरोहरों की नीलामी नहीं रुकी. नीलामी हुई और इन अमूल्य धरोहरों का मालिक बना एक भारतीय. उद्योगपति विजय माल्या ने अमेरिका में हुई इस नीलामी में 18 लाख यूएस डॉलर यानी करीब नौ करोड़ रुपये चुकाकर बापू की बहुमूल्य वस्तुएं अपने नाम कर लीं.