एक तरफ जहां अफगानिस्तान तालिबान के आगे सरकार और सेना के शर्मनाक सरेंडर का गवाह बना, वहीं अब तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोलने की जांबाजी वाली खबरें भी आने लगी हैं. पांच शेरों की घाटी के रूप में मशहूर पंजशीर तालिबान के खिलाफ मोर्चे का केंद्र बन गया, जहां तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए फौज तैयार खड़ी है. तालिबान के खिलाफ पंजशीर में मोर्चाबंदी करने वालों में दो बड़े नाम हैं- काबुल पर तालिबानी कब्जे के बाद खुद को राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह और पंजशीर का शेर कहलाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद. जानें कौन हैं ये दोनों जांबाज.
At a time when Afghanistan witnessed the shameful surrender of the government and the army in front of the Taliban, a resistance force, led by Afghanistan's former First Vice President Amrullah Saleh and Ahmad Massoud, son of late Ahmad Shah Massoud, is rising in Panjshir Valley. Watch the video to know more.