पाकिस्तान चेहरा पढ़ना चाहता है. आप यकीन करें न करें, सच यही है. क्योंकि भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव जब बुधवार को रावलपिंडी पहुंचीं तो उनकी अगवानी के लिए एक ऐसे पाक राजनयिक को भेजा गया जो चेहरा पढ़ने के लिए मशहूर है. अफरासियाब मेहंदी हाशमी फिजियोनॉमी के जानकार हैं जो कि चेहरा पढ़ने की विद्या मानी जाती है. कहते हैं कि जब 1988 में जिया उल हक की मौत हुई थी हाशमी ने इसकी भी भविष्यवाणी कर दी थी.