scorecardresearch
 

खौफनाकः 8 साल की बच्ची की 40 साल के अधेड़ से शादी, खून बहने से मर गई सुहागरात के दिन

एक आठ साल की बच्ची अपनी सुहागरात के दिन ज्यादा खून बह जाने से मर गई. इस मासूम की शादी जबरन एक 40 साल के आदमी से कर दी गई थी.इस हैवान ने बच्ची के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया. नतीजतन बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स से बहुत खून बहने लगा और मेडिकल हेल्प न मिलने के चलते उसकी मौत हो गई.

Advertisement
X
यमन में एक बच्ची की शादी की तस्वीर
यमन में एक बच्ची की शादी की तस्वीर

एक आठ साल की बच्ची अपनी सुहागरात के दिन ज्यादा खून बह जाने से मर गई. इस मासूम की शादी जबरन एक 40 साल के आदमी से कर दी गई थी.इस हैवान ने बच्ची के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया. नतीजतन बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स से बहुत खून बहने लगा और मेडिकल हेल्प न मिलने के चलते उसकी मौत हो गई. यह वाकया यमन के कबीलाई इलाके का है. कुछ बरस पहले भी यमन में एक 12 साल की गर्भवती बच्ची तीन दिन तक लेबर पेन में रहने के बाद तड़प कर मर गई थी.

जानवर पति की गिरफ्तारी की मांग

ये दिल दहला देने वाला वाकया हुआ है यमन के ग्रामीण इलाकों में इस बच्ची का नाम रावान था. वह सउदी अरब से जुडे़ कबीलाई इलाकों में रहती थी.मामले के खुलासे के बाद देश के मानवाधिकार कार्यकर्ता जांच और बच्ची के परिवार और उस हैवान पति की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.इनका कहना है कि इस इलाके में लड़कियों की बहुत कम उम्र में शादी कर दी जाती है. इन लड़कियों के पति ज्यादातर अधेड़ ही होते हैं. इस खौफनाक घटना पर एंग्रीमैन के नाम से पोस्ट किए गए एक ब्लॉग में लिखा गया कि यह आदमी नहीं जानवर है और उसे सख्त सजा दी जानी चाहिए.ब्लॉगर ने लिखा कि सिर्फ उस हैवान को ही नहीं, उस परिवार को भी सजा मिलनी चाहिए, जिसने बच्ची को इस हाल में धकेला.

Advertisement

हर चौथी लड़की बनती है बालिका वधू

यमन के कबीलाई इलाकों में गरीबी के चलते बच्चियों की बेहद कम उम्र में शादी कर दी जाती है. एक स्टडी के मुताबिक यमन की कुल महिलाओं में एक चौथाई की शादी 15 साल से पहले ही कर दी जाती है.

कम उम्र की लड़की बनती है वफादार बीवी

इन इलाकों में एक ये कबीलाई मान्यता भी है कि अगर लड़की की कम उम्र में ही शादी कर दी जाए, तो वह पति की हमेशा आज्ञा मानती है. उसके खूब बच्चे होते हैं और वह बदचलन नहीं निकलती.

15 साल वाला कानून भी कर दिया भंग

पहले यमन में कानून था कि दुल्हन की उम्र 15 साल से कम नहीं होनी चाहिए. मगर 90 के दशक में देश की संसद ने इस कानून को निरस्त कर दिया.सांसदों ने कहा कि ये मां-बाप ही तय करेंगे कि वह अपनी बेटी की शादी कब करें, सरकार नहीं.

 

Advertisement
Advertisement