यमन के राष्ट्रपति अब्दो रबू मंसूर हादी ने गुरुवार को शिया होउथी विद्रोही आंदोलन के साथ नई सरकार का गठन करने और विद्रोहियों के व्यापक घेराव को खत्म कराने के लिए समझौता किया. विद्रोहियों के अभियान के कारण हिंसा शुरू हो गई है. यह जानकारी राष्ट्रपति ऑफिस के सूत्रों ने दी.
समाचार एजेंसी ईएफई के मुताबिक, वार्ता में मध्यस्थता करने वाले यमन के राष्ट्रपति के अधिकारियों ने कहा कि समझौते में कहा गया है कि हादी नए प्रधानमंत्री और मंत्रियों का चयन करेंगे. यह समझौता शिया आंदोलन से जुड़े नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल होने का अवसर मुहैया कराएगा.
जैसे ही नई सरकार के प्रमुख की नियुक्ति हो जाएगी, होउथी के लड़ाके सना से पीछे हटने लगेंगे. नई सरकार के गठन होने के बाद लड़ाके पूर्ण रूप से पीछे हट जाएंगे.
समझौते में ईंधन रियायत को बहाल करने की व्यवस्था की गई है. रियायत खत्म करने के बाद होउथिस के विरोध ने तब जोर पकड़ लिया.
सना के गवर्नर अब्देल कादर हेलाल ने समझौते में सरकार की तरफ से अगुआई की और राष्ट्रपति की तरफ से समझौते पर दस्तखत किए.
इस समझौते से दो दिनों पूर्व सना में सरकार के मुख्यालय के सामने जुटी भीड़ पर पुलिस की फायरिंग में सात प्रदर्शनकारी मारे गए और दर्जनों घायल हो गए थे.
समूह के नेता अब्देल मलेक अल-होउथी ने मंगलवार को धमकी दी थी यदि ईंधन रियायत बहाल नहीं की जाती और सरकार को बर्खास्त नहीं किया जाता है तो वे 'रणनीतिक विकल्पों' को बहाल कर देंगे.