Ukraine Russia War: यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया. बाइडेन ने कहा, पुतिन हमलावर हैं, उन्होंने युद्ध को चुना. अब वे और उनका देश हमले के नतीजे भुगतेगा. बाइडेन ने कहा, दुनिया के ज्यादातर देश रूस के खिलाफ हैं. इस दौरान जो बाइडेन से पूछा गया कि क्या यूक्रेन मुद्दे पर भारत अमेरिका के साथ है? इस पर बाइडेन ने कहा, हम भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं.
दरअसल, बाइडेन से पूछा गया कि भारत अमेरिका का अहम रक्षा सहयोगी है. ऐसे में यूक्रेन पर रूस के हमले के मुद्दे पर क्या भारत अमेरिका के साथ है? इस पर बाइडेन ने कहा, हम भारत के साथ चर्चा कर रहे हैं. हमने इसे पूरी तरह से हल नहीं किया है.
बाइडेन ने कहा- यूक्रेन में नहीं भेजेंगे सेना
जो बाइडेन ने कहा कि वे यूक्रेन में अपनी सेना नहीं भेजेंगे. हालांकि, बाइडेन ने कहा कि वे नाटो देशों की इंचभर भी जमीन की रक्षा करेंगे. हम G-7 देश मिलकर रूस को जवाब देंगे. VTB समेत रूस के 4 और बैंकों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे. बाइडेन ने कहा, रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात करने की मेरी कोई योजना नहीं है. वह पूर्व सोवियत संघ को फिर से स्थापित करना चाहते हैं. मुझे लगता है कि उनकी महत्वाकांक्षा उस जगह के बिल्कुल विपरीत हैं, जहां इस समय हम हैं.
पीएम मोदी ने की राष्ट्रपति पुतिन से बात
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की है. पीएम मोदी ने जोर देकर कहा है कि बातचीत के जरिए ही कोई हल निकाला जा सकता है. उनके मुताबिक कूटनीति के जरिए ही शांति स्थापित की जा सकती है. वहीं पीएम मोदी ने पुतिन के सामने भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. इसके अलावा पीएम ने हिंसा का छोड़ने की बात भी कही है. उन्होंने कहा कि बातचीत से मामले में हल निकाला जाना चाहिए.
25 मिनट की बातचीत में पीएम मोदी ने सबसे ज्यादा इसी बात पर जोर दिया कि युद्ध से किसी भी तरह का समाधान नहीं निकलने वाला है. पीएम मोदी के मुताबिक, अगर रूस के नाटों देशों संग विवाद हैं तो वो भी सिर्फ बातचीत के जरिए हल होने चाहिए. बातचीत में पीएम मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों पर भी विस्तार से चर्चा की. पीएम ने यह भी साफ कर दिया कि वहां फंसे भारतीयों की सुरक्षा भारत सरकार के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि आगे भी हर मुद्दे पर मंथन किया जाएगा और कूटनीतिक चैनल को मजबूत करने का काम किया जाएगा.